बलरामपुर डैम हादसा…खैरवार समाज ने NH-343 पर किया चक्काजाम. बलरामपुर जिले में साड़सा लुत्ती बांध के टूटने से हुए नुकसान का मुआवजा और मृत परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर खैरवार समाज ने तातापानी में नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। बांध टूटने से खैरवार समाज के 7 लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही घरों, फसलों को नुकसान हुआ है। समाज ने कहा है कि घटना विभाग और प्रशासन की लापरवाही से हुई है। धनेशपुर में बना साड़सा लुत्ती बांध मंगलवार की रात टूट गया था। इस हादसे में रामवृक्ष खैरवार की दो बहुओं और तीन पोते-पोतियों की बहने से मौत हो गई। इनमें से पांच का शव मिल चुका है और सभी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया। वहीं जितन सिंह खैरवार की भी बहने से मौत हो गई। उसका शव शनिवार को मिला। हादसे में एक बच्ची वंदना का अब तक पता नहीं चला है। NH पर चक्काजाम, मांगा उचित मुआवजा
घटना के बाद पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर खैरवार आदिवासी विकास परिषद के आह्वान पर ग्रामीणों ने रविवार को तातापानी में चक्काजाम कर दिया।
नेशनल हाईवे 343 में चक्काजाम की सूचना पर एडिशनल एसपी सहित रामानुजगंज SDM अभिषेक गुप्ता सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों से बात की। ग्रामीणों ने अपनी मांगें प्रशासन के सामने रखीं और तत्काल कार्रवाई की मांग की। प्रशासन और जल संसाधन की लापरवाही से हादसा
खैरवार समाज ने कहा कि प्रशासन और जल संसाधन विभाग की लापरवाही से हादसा हुआ है। 43 साल पुराने बांध में 17 सालों से मेंटनेंस का काम नहीं हुआ था। 27 अगस्त को बांध के लबालब भर जाने की सूचना पर जल संसाधन विभाग के अधिकारी पहुंचे थे, लेकिन फोटो खींचकर वापस लौट गए।
खैरवार समाज ने कहा कि बांध में रिसाव की सूचना भी दी गई थी, लेकिन प्रशासन और जल संसाधन विभाग सक्रिय नहीं हुआ। इसके कारण हादसा हुआ। हादसे में एक ही परिवार के छह सदस्य, दूसरे परिवार के एक सदस्य सहित ग्रामीणों के मवेशी मारे गए हैं।
इसके अलावा घर, फसलों को नुकसान हुआ है। प्रशासन सभी को उचित मुआवजा दे और पीड़ित परिवार के सदस्यों को नौकरी दें। SDM अभिषेक गुप्ता ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके बाद ग्रामीणों का चक्काजाम समाप्त किया गया। इस दौरान करीब एक घंटे नेशनल हाईवे बंद रहा।
खैरवार समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो समाज के लोग आर्थिक नाकेबंदी करते हुए नेशनल हाईवे को बंद कर देंगे।