मंत्री केदार कश्यप पर एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी मैदान कांग्रेस भवन से रैली निकालकर नगर निगम व्हाइट हाउस होते हुए मोतीबाग चौक की ओर बढ़े। लेकिन मंत्री बंगले की ओर बढ़ने से पहले ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कार्यकर्ताओं को मोतीबाग के पास रोक दिया। जिससे कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई। कांग्रेसियों ने मंत्री केदार कश्यप के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर इस्तीफा देने की मांग की। भाजपा नेताओं का दिमाग 7वें आसमान पर- विकास
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि, भाजपा नेताओं का दिमाग 7वें आसमान पर है। भाजपा के नेता जनता के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। मंत्री केदार कश्यप ने एक कर्मचारी को बंद कमरे में बुलाकर गाली-गलौज की और लात-घूंसों से मारपीट की। पीड़ित कर्मचारी ने अपनी आपबीती खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को फोन पर बताई है। पुलिस नहीं लिख रही FIR
उपाध्याय ने कहा कि, पीड़ित की शिकायत के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। कांग्रेस पार्टी उसकी लड़ाई लड़ रही है। इसके उलट कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
विकास ने कहा कि, भाजपा को नैतिकता के नाते मंत्री केदार कश्यप से इस्तीफा लेना चाहिए। जब तब पीड़ित को न्याय नहीं मिलता कांग्रेस की लड़ाई सड़क पर जारी रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पीड़ित कर्मचारी के साथ कोई अनहोनी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार और मंत्री केदार कश्यप की होगी। लोकतंत्र के अपमान का प्रतीक
शहर कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने कहा कि, मंत्री केदार कश्यप का कर्मचारी के साथ किया गया दुर्व्यवहार लोकतंत्र के अपमान का प्रतीक है। जनता और कर्मचारियों का अपमान करने वाले मंत्री को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। हम उनके इस्तीफे की मांग पर अडिग हैं।