शिशु रोग विशेषज्ञ ने सनम अगरिया से कहा कि बच्ची की हालत गंभीर है। उसे लेकर तत्काल अंबिकापुर जाने की व्यवस्था करे। बलरामपुर हॉस्पिटल से एक अन्य रेफर मरीज को लेकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज जा रहे एम्बुलेंस में सनम अगरिया एवं उसकी पत्नी ललकी को बच्ची को भेजने की व्यवस्था की गई।
हॉस्पिटल में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने एम्बुलेंस में बच्ची को आक्सीजन देने की व्यवस्था नहीं की। मासूम संजना को लगा आक्सीजन हटाकर ललकी अगरिया को एम्बुलेंस में सामने चालक की बगल वाली सीट पर बच्ची को लेकर बैठा अंबिकापुर के लिए रवाना कर दिया गया। सनम को पीछे बैठा दिया गया। बच्ची की मौत के बाद देर रात हंगामा
अंबिकापुर पहुंचने से पहले ही मासूम संजना अगरिया ने दम तोड़ दिया। सनम अगरिया एवं उसकी पत्नी ललकी अगरिया मृत बच्ची को लेकर रात 10 बजे वापस जिला अस्पताल बलरामपुर पहुंचे। शिवम अगरिया के परिजन भी हॉस्पिटल पहुंच गए और उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा कर दिया। सूचना पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव, सीएमएचओ बलरामपुर डा. बसंत सिंह भी मौके पर पहुंचे। सीएमएचओ ने कहा कि बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब थी। उसे ऑक्सीजन पर रखने कहा गया था। हॉस्पिटल से उसे आक्सीजन के साथ भेजा जाना था। मामले में लापरवाही की जांच की जाएगी एवं संबंधितों पर कार्रवाई होगी।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव ने परिजनों को समझाइश दी, जिसके बाद हंगामा शांत हुआ।
दो दिनों से बीमार थी संजना
मृत बच्ची के पिता सनम अगरिया ने बताया कि बच्ची को दो दिनों से सर्दी, खांसी था। उसे नेबुलाइज करने के बाद स्थिति में सुधार हुआ था। डॉक्टर के निर्देश के बाद भी आक्सीजन हटाकर उसे रेफर किया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई।