कांकेर लोकसभा चुनाव में अनियमितता का मामला सामने आया है। कांग्रेस उम्मीदवार ने चुनावी नतीजों को रद्द करने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके बाद सांसद भोजराज नाग ने इसे निरस्त करने की मांग की थी। लेकिन सांसद की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट ने सांसद भोजराज नाग को अंतरिम राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले में सुनवाई के लिए पर्याप्त सबूत है। सांसद भोजराम की आपत्ति में दम नहीं, इसलिए याचिका खारिज नहीं की जा सकती। अब इस मामले की सुनवाई 3 नवंबर को होगी। लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना में गड़बड़ी का आरोप
बता दें कि कांग्रेस उम्मीदवार बीरेश सिंह ठाकुर ने लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणाम को चुनौती दी थी।
दरअसल, कांकेर सांसद भोजराज नाग के खिलाफ कांकेर के रहने वाले बीरेश ठाकुर ने 18 जुलाई 2024 को चुनाव याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव परिणाम रद्द करने और 15 मतदान केंद्रों पर फिर से वोटिंग की मांग की।
याचिका में आरोप है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी और छेड़छाड़, वोटिंग डेटा के प्रसारण में देरी और वोटों की गिनती में गंभीर अनियमितताएं है।
याचिकाकर्ता ने गुंडरदेही, डोंडीलोहारा और कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों के बूथों पर वोटों के अंतर और डेटा ट्रांसमिशन में हेरफेर की आशंका भी जताई है। सांसद नाग ने जताई आपत्ति
कांग्रेस उम्मीदवार बीरेश सिंह ठाकुर की याचिका पर निर्वाचित सांसद भोजराज नाग ने दलील दी है कि याचिका में भ्रष्ट आचरण का कोई ठोस आरोप नहीं है, इसलिए यह रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट, 1951 की धारा 81, 82 और 83 का उल्लंघन है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
साथ ही चुनाव आयोग को पक्षकार नहीं बनाया गया, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका वकील के जरिए दाखिल की गई, जबकि कानून के मुताबिक उम्मीदवार को खुद याचिका दाखिल करनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने खारिज की अंतरिम आवेदन
जस्टिस एनके व्यास ने कहा कि याचिका में सभी आवश्यक तथ्य और साक्ष्य मौजूद हैं। याचिकाकर्ता ने स्पष्ट रूप से EVM में गड़बड़ी, डेटा ट्रांसमिशन में देरी और मतदान प्रक्रिया में अनियमितताओं का जिक्र किया है, जो विस्तृत सुनवाई योग्य हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को पक्षकार बनाने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है और याचिका धारा 81, 82, 83 के अनुरूप है। याचिका बीरेश ठाकुर ने विधिवत रूप से दाखिल की है, सभी पन्नों पर उनके हस्ताक्षर मौजूद हैं। सांसद भोजराम की आपत्ति में दम नहीं, इसलिए याचिका खारिज नहीं की जा सकती।