गोड़वाना गणतंत्र पार्टी द्वारा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर 19 सितंबर को जिला मुख्यालय गरियाबंद में करेंगें धरना प्रदर्शन

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर – क्षेत्र के गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के सदस्यों द्वारा गुरूवार को गरियाबंद कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए क्षेत्र मे व्याप्त समस्याओं के निराकरण की मांग किया है साथ ही दिनांक 19 सितंबर को जिला मुख्यालय गरियाबंद मे एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आंदोलन करने ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान ज्ञापन सौंपते हुए गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष टीकमसिंह नागवंशी ने बताया कि आदिवासी वनांचल क्षेत्रो मे व्याप्त समस्याओं के संबंध मे पूर्व मे जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था क्षेत्रवासियों द्वारा लंबा संघर्ष आंदोलन करने के बाद भी समस्याएं दूर रही हो पायी है इसलिए गोड़वाना गणतन्त्र पार्टी, जिला इकाई गरियाबंद के द्वारा, गंभीर, जवलंत समस्याओं को लेकर 19 सितंबर को गरियाबंद मे धरना देंगंे जिसकी सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपते हुए उन्होने बताया कि – 1. शासन द्वारा वन अधिकार पट्टा जमीन की एग्रीस्टेक पोर्टल मे रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है, 2 गरियाबंद जिला के वन क्षेत्रों में निवासरत अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति अन्य परम्परागत व निवासी को वन विभाग द्वारा बेदखली की कार्यवाही बंद कर काबिज भूमि का अधिकार दिलाया जाए, 3. उदन्ती सीतानदी टाईगर रिजर्व बफर जोन के आरक्षित वनों में वर्षों से काबिज आदिवासी जिन्हे बेदखल किया गया उन्हे पुनः बसाया जावे एवं उनके काबिज जमीन का मालिकाना हक के लिए, 4. भारत के संविधान के अनुरूप हीं अनुसूची क्षेत्र के आदिवासी मुल निवासी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य परम्परागत वन निवासियों को संविधानिक मुलभूत सुविधा से आजादी के 78 वर्षों के बाद भी वंचित है। मुलभूत समस्याओं का. निराकरण हेतू राज्य सरकार द्वारा आज पर्यन्त ठोस पहल नहीं किया गया है, हमारी मांग है कि गरियाबंद जिला अंतर्गत विकासखण्ड मैनपुर के ग्राम पंचायत जागड़ा, अमाड़, तौरेंगा, साहेबिनकछार, कुचेंगा, भूतवेडा, कोकडी गरहाडीह, गौरगांव के आश्रित 51 ग्रामों विद्युतीकरण, पुल पुलिया का निर्माण करने, 5 लोकसभा न विधानसभा सबसे ऊँची ग्रामसभा (सुप्रीम कोर्ट वेदांता जजमेंट दिनांक-18/04/2013) कानुनी प्रावधान है तो हमारी ग्रामसभा निर्णय, प्रस्ताव राज्य सरकार शासन-प्रशासन स्तर में मान्यता क्यों नहीं मिलता है। 6. भारत संविधान अनुच्छेद 244 (1) भाग (ख) पैरा (5), 1 के अनुसार केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून आदिवासी क्षेत्रों (5वीं अनुसूचित क्षेत्रों) पर लागू नहीं होगी किन्तु वर्तमान केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा तरह-तरह के नियम कानून जैसे वन एवं वन्यप्राणी सरंक्षण संवर्धन, टायगर रिजर्व, कोर बफर जोन आदि वन्य कानून योजना बनाकर हम आदिवासियों एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों को प्रताडित कर उनके घर, जमीन, मकान से बेदखल करना, गांव विस्थापन निति का हवाला देकर प्रताडित करना, मुलभूत योजनाओं से वंचित करना आदि षडयंत्रकारी नितियों से बारम्बार अनैतिक असवैधानिक रूप से हमें प्रताडित किया जा रहा है। 7. नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत जो भी व्यक्ति संविधान को नहीं मानता हो या उल्लंघन करता हो तो उनकी नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है तो राज्य सरकार की वन विभाग अधिकारी / कर्मचारियों, उप-निदेशक जिला गरियाबंद द्वारा संविधान के अधिनियम 1955 के विपरीत जाकर अतिक्रमण के नाम पर हम आदिवासियों एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों को बेघर किया गया तो ऐसे अधिकारी/कर्मचारी, उप-निदेशक जिला गरियाबंद की नागरिकता स्वत ही समाप्त क्यों नहीं होता है। गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि अगर इन समस्याओं को दूर नही किया गया तो दिनांक 19/09/2025 को जिला गरियाबंद गांधी मैदान में एक दिवसीय धरना आंदोलन देकर ज्ञापन सौपा जायेगा एवं इस आंदोलन प्रदर्शन की सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।

Exit mobile version