यह कैंप महीने में सिर्फ दो दिन दोपहर 3 बजे तक चलता है। भीड़ अधिक होने के कारण कई लोगों को बिना काम के लौटना पड़ता है। स्थानीय लोगों को लाइसेंस के लिए जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर और भरतपुर विकासखंड से 150 किलोमीटर दूर कोरिया जिले के बैकुंठपुर जाना पड़ता है।
निर्धारित शुल्क से वसूली जाती है दोगुना राशि
तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जिले में स्थायी आरटीओ कार्यालय नहीं खोला गया है। लोगों का आरोप है कि बैकुंठपुर में निर्धारित शुल्क से दोगुना राशि वसूली जाती है। स्थानीय नागरिकों की मांग है कि प्रशासन आरटीओ विभाग के प्रभारी की नियुक्ति करे और सप्ताह में कम से कम दो दिन कैंप का आयोजन करे।
मीडिया ने जब इस मामले में कैंप के कर्मचारियों से जानकारी मांगी तो उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया। आरटीओ विभाग के प्रभारी अनिल भगत ने भी कॉल का जवाब नहीं दिया।