छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक युवक ने झोलाछाप डॉक्टर की सलाह पर प्राइवेट पार्ट में लोहे की अंगूठी पहन ली

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक युवक ने झोलाछाप डॉक्टर की सलाह पर प्राइवेट पार्ट में लोहे की अंगूठी पहन ली। युवक को पेशाब करते समय जलन हो रही थी। उसे बुखार और सिरदर्द भी हो रहा था, जिसके चलते युवक ने अपने गुप्तांग में अंगूठी पहनी थी। मामला ओरछा के जाटलूर इलाके का है।

झोलाछाप डॉक्टर ने युवक से कहा था कि अगर वह ऐसा करेगा तो जल्दी ठीक हो जाएगा, लेकिन एक हफ्ते में ही उसके गुप्तांग में सूजन आ गई, जिससे अंगूठी उसमें ही फंस गई। ज्यादा दिन फंसे रहने की वजह से संक्रमण फैल गया। नारायणपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने कड़ी मशक्कत के बाद गुप्तांग से अंगूठी निकाली है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, युवक अबूझमाड़ के ओरछा के जाटलूर इलाके का रहने वाला है। करीब 30 से 35 साल के बीच उसकी उम्र बताई जा रही है। वह कुछ दिनों से बीमार था। अपनी बीमारी ठीक करने के लिए उस इलाके के किसी झोलाछाप डॉक्टर के पास गया। उससे इलाज करा रहा था।

इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से वह ठीक नहीं हो रहा था। युवक जब ठीक नहीं हुआ तो झोलाछाप डॉक्टर ने उसे बीमारी ठीक करने का नुस्खा बताया। उसने बताया कि तुम अपने प्राइवेट पार्ट में लोहे की अंगूठी पहन लो, इससे जल्दी ठीक हो जाओगे।

बाजार से खरीदी लोहे की अंगूठी

झोलाछाप डॉक्टर के कहने पर युवक ने बाजार से ही लोहे की अंगूठी खरीदी। घर में लाकर प्राइवेट पार्ट में पहन ली, लेकिन 5-6 दिनों के बाद प्राइवेट पार्ट में सूजन आ गई। दर्द बढ़ता गया। जब वो वापस उस डॉक्टर के पास गया तो उसने इलाज करने से मना कर दिया।

इसके बाद युवक परेशान हो गया। वह पहले ओरछा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गया। डॉक्टरों के पास उसके इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे। उसे जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन सड़क की खस्ता हालत की वजह से एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई। युवक किसी माध्यम से 8 सितंबर को जिला अस्पताल पहुंचा।

प्राइवेट पार्ट में फैल रहा था इन्फेक्शन

नारायणपुर जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर हिमांशु सिन्हा ने बताया कि, युवक हमारे पास आया था। उसकी स्थिति काफी खराब थी। अस्पताल में मेरे साथ डॉक्टर धनराज सिंह डरसेना और शुभम राय समेत अन्य टीम ने उसका इलाज किया।

डॉक्टर हिमांशु सिन्हा ने बताया कि जिला अस्पताल में युवक का इलाज किया गया। किसी तरह से लोहे की अंगूठी को प्राइवेट पार्ट से निकाला गया। प्राइवेट पार्ट में बहुत ज्यादा सूजन थी, इन्फेक्शन फैल रहा था। हालांकि हमारी टीम ने समय रहते अंगूठी को निकाल दिया।