बिलासपुर में दशहरा उत्सव मनाने की अनुमति नहीं देने को लेकर जमकर बवाल मच गया है। सरकंडा के साइंस कॉलेज मैदान में अरपांचल लोक मंच को रावण दहन करने की परमिशन नहीं देने से नाराज लोगों ने सोमवार को भजन-कीर्तन कर रैली निकाली। जिसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
अरपांचल लोक मंच समिति और सर्व हिंदू समाज के नेतृत्व में नूतन चौक पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान बरसते पानी में लोगों ने नारेबाजी करते हुए भजन-कीर्तन किया। जिसके बाद रैली पैदल कलेक्ट्रेट के लिए कूच की। रैली महामाया चौक से होकर नेहरू चौक और फिर कलेक्ट्रेट पहुंची।
भजन कीर्तन करते हुए कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन
दरअसल, पिछले कुछ सालों से अरपांचल लोक मंच समिति की ओर से साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता रहा है। लेकिन इस बार किसी बाहरी व्यक्ति को यहां रावण दहन कार्यक्रम के आयोजन की मंजूरी नियमों के विपरीत दे दी गई है।
समिति के अध्यक्ष सुधांशु मिश्रा और सचिव अतुल सिंह ने बताया कि नियमों के तहत उन्होंने साइंस कॉलेज मैदान में रावण दहन किए जाने की अनुमति मांगी थी। लेकिन उन्हें अनुमति न देकर उनके बाद में किए गए किसी दूसरे व्यक्ति के आवेदन को कार्यक्रम स्थल के लिए अनुमति दे दी गई।
जो कि अब सर्व हिंदू समाज के लिए आक्रोश का कारण बन गया है। नियमों के विरुद्ध और भेदभाव करते हुए किसी दूसरे को दिए गए। साइंस कॉलेज मैदान को वापस दिलाए जाने की मांग समिति ने प्रशासन से की है।
रावण दहन का नहीं मिला मौका, तो जेल जाने के लिए तैयार- कांग्रेस
कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी का कहना है कि धार्मिक सद्भाव, रामकाज को कोई नेता, कोई मंत्री रोक सकता है क्या। बिलासपुर में हमेशा से धार्मिक सद्भाव बना रहा है। जो सालों से जहां रावण दहन कर रहे हैं, क्या उन्हें अधिकार नहीं है। किसके दबाव में प्रशासन की ओर से ऐसा किया जा रहा, उसे सामने आना चाहिए।
वरना कांग्रेस पार्टी विरोध करेगी और बेनकाब करेगी। अगर रावण दहन का मौका नहीं मिला, तो हम जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। इस बात को राजनीतिक रूप से नहीं, आग्रह के रूप में ले। हम राजनीति से हटकर स्थानीय लोगों की मदद करेंगे।
कलेक्टर के समझाइश के बाद माने
इधर, कलेक्टर संजय अग्रवाल के समझाइश के बाद बवाल खत्म हुआ। अरपांचल लोक मंच और सर्व हिंदू समाज के लोग वापस लौट गए गए हैं। कलेक्टर ने कहा कि एसडीएम की ओर से परमिशन दी जाती है। जो भी तथ्य है, उनकी जांच की जाएगी।