शराब घोटाला…चैतन्य की जमानत याचिका पर 19 सितंबर को सुनवाई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में जेल में बंद चैतन्य बघेल की ओर से रायपुर कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई है। इस मामले में 19 सितंबर को सुनवाई होगी। ACB-EOW की गिरफ्तारी से बचने के लिए चैतन्य बघेल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर लोअर कोर्ट में आवेदन लगाने कहा था।

चैतन्य के वकील की ओर से मंगलवार शाम को अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया गया है। ED ने चैतन्य के खिलाफ 7000 पन्नों का चालान भी पेश किया था। चैतन्य को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वे रायपुर जेल में बंद हैं।

चालान के मुताबिक चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया, ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाए और सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेरफेर) की।

चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले- ED

दरअसल, शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं। शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। साथ ही 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।

चैतन्य के प्रोजेक्ट में 13-15 करोड़ इन्वेस्ट

ED ने अपनी जांच में पाया कि, चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में घोटाले के पैसे को इन्वेस्ट किया गया है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट के ठिकानों पर छापेमारी कर ED ने रिकॉर्ड जब्त किए थे।

प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन ने बताया कि, इस प्रोजेक्ट में वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ था। जबकि रिकॉर्ड में 7.14 करोड़ ही दिखाया गया। जब्त डिजिटल डिवाइसेस से पता चला कि, बघेल की कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश पेमेंट किया, जो रिकॉर्ड में नहीं दिखाया गया।

फर्जी फ्लैट खरीदी के जरिए पैसे की हेराफेरी

ED ने अपनी जांच में पाया है कि त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने 19 फ्लैट खरीदने के लिए 5 करोड़ बघेल डेवलपर्स को ट्रांसफर किए। ढिल्लन ने ये फ्लैट अपने कर्मचारियों के नाम पर खरीदे लेकिन पेमेंट त्रिलोक ढिल्लो ने खुद दिया।

ED ने जब ढिल्लन के कर्मचारियों से पूछताछ की तो कर्मचारियों ने बताया कि, ये फ्लैट की खरीदी उन्हीं के नाम पर हुई, लेकिन पैसे ढिल्लो ने दिए। ये सारा ट्रांजेक्शन 19 अक्टूबर 2020 को एक ही दिन हुआ। ED ने कहा कि ब्लैक को लीगल करने के लिए यह एक पूर्व-योजना के तहत किया गया लेन-देन था। इसका मकसद पैसे को छिपाकर चैतन्य बघेल तक पहुंचाना था

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