ईओडब्ल्यू का आरोप है कि, शराब घोटाले का पैसा सिंडिकेट के सदस्य अनवर ढेबर के पास आता था। आयकर विभाग की कार्रवाई से पहले यानी जनवरी 2019 से फरवरी 2020 तक अनवर यह पैसा जेल रोड स्थित गिरीराज होटल में रखवाता था।
यह होटल नीतेश पुरोहित और यश पुरोहित की है। यहीं से यह पैसा नेताओं, अधिकारियों, मंत्रियों और पार्टी फंड तक पहुंचाया जाता था। रकम पहुंचाने का काम अनवर का मैनेजर दीपेन चावड़ा करता था। दीपेन के जरिए ही भ्रष्टाचार का पैसा भिलाई भी भेजा गया।
जिसे लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू और चैतन्य ने मिलकर मैनेज किया। इसका हिस्सा तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास के पास भी जाता था। इन्हीं आरोपों के चलते सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।