बिलासपुर नगर पालिक निगम पर बिजली बिल का 170 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। इसके बावजूद, व्यापार विहार मेन रोड, गुरु घासीदास नगर, नागदौने कॉलोनी सहित जोन क्रमांक 1, 2, 6, 7 और 8 के 17 वार्डों में स्ट्रीट लाइटें दिन-रात चौबीसों घंटे जल रही हैं।
निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि सोलर लाइट और अमृत मिशन योजना के तहत पानी सप्लाई के 100 से अधिक मोटर पंप बंद कर दिए गए हैं, जिससे बिजली की लगातार बचत हो रही है।
सरचार्ज हटाने लिखा पत्र
कमिश्नर ने बताया कि बिजली बिल के बकाया में जोड़ा गया 50 करोड़ रुपए का सरचार्ज हटाने के लिए सीएसईबी को पत्र लिखा गया है। उनके मुताबिक, 1999 के अनुबंध के अनुसार सीएसईबी नगर निगम से सरचार्ज नहीं ले सकता, क्योंकि निगम आम जनता को स्ट्रीट लाइट की आवश्यक सेवा प्रदान करता है।
सोलर पैनल लगाकर बिजली की बचत
कमिश्नर ने कहा कि बिजली की यह फिजूलखर्ची बढ़ती बकाया राशि पर अंकुश लगाने में बाधा बन रही है। नगर निगम भले ही शासन और चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से बिजली बिल का भुगतान करता हो, लेकिन यह भी जनता का ही पैसा है। इस राशि को बचाकर निगम विकास कार्यों में उपयोग कर सकता है।
नगर निगम के प्रभारी चीफ इंजीनियर आरके मिश्रा ने बताया कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई स्थानों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनसे उत्पन्न बिजली का उपयोग स्ट्रीट लाइट और फाउंटेन आदि के लिए किया जा रहा है, जिससे लगातार बिजली की बचत हो रही है।
30 लाख महीने की बचत का दावा
नगर निगम के ईई नीलेश पटेल का दावा है कि जितने स्थानों पर सोलर प्रोजेक्ट सिक्रोनाइज हो चुके हैं, उनसे तकरीबन 30 लाख महीने की बिजली बिल की बचत हो रही है।
उन्होंने बताया कि नगर निगम के विकास भवन, स्वर्गीय अशोक पिंगले स्मृति भवन, पद्मश्री श्यामलाल चतुर्वेदी स्मार्ट रोड, जतिया तालाब सौंदर्यीकरण एवं उद्यान, महाराणा प्रताप चौक और नेहरू चौक सोलर पैनल से उत्पादित बिजली से रोशन हो रहे है।