लिंक से शुरू हुआ ठगी का खेल
सुपेला पुलिस ने बताया कि पीड़ित का नाम अजय मित्रा (45 साल) है, वह नेहरू नगर में रहते है और इंटीरियर डिजाइनर का काम करते हैं। उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका खाता कोटक महिंद्रा बैंक सुपेला शाखा में है और यह खाता उनके मोबाइल नंबर से लिंक है।
10 सितंबर की शाम 4 बजे उनके मोबाइल के व्हाट्सएप पर कोटक महिंद्रा बैंक के नाम से एक लिंक आया। इसमें 2,11,000 रुपए के प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट कार्ड का ऑफर था।
अजय ने उस लिंक पर क्लिक किया, जिसके बाद ‘गेट योर कार्ड’ का मैसेज दिखा। उसी समय उनके मोबाइल पर एक टेक्स्ट मैसेज आया ‘थैंक यू फॉर योर इंटरेस्ट इन कोटक बैंक क्रेडिट कार्ड।’ नए नंबर से किया कॉल, खुद का बताया बैंक अधिकारी
12 सितंबर को अजय को फिर मैसेज आया कि उनका क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन नंबर अप्रूव्ड हो गया है और 3 दिन में कार्ड उनके पते पर भेज दिया जाएगा। इसी बीच 14 सितंबर को शाम 4 बजे एक अज्ञात मोबाइल नंबर से फोन आया।
कॉल करने वाले ने खुद को कोटक महिंद्रा बैंक का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनका क्रेडिट कार्ड बन चुका है और उसकी लिमिट बढ़ानी है।
भरोसा जीतकर मांगा ओटीपी, गायब किए पैसे
बैंक अधिकारी बनकर बात कर रहे शख्स ने अजय को बैंक का ऐप खोलने कहा और फिर क्रेडिट कार्ड के सामने के चार अंक पूछे। अजय ने वह अंक बता दिए। इसके बाद उनके मोबाइल पर दो बार ओटीपी आया।
ठग ने ओटीपी भी उनसे पूछ लिया। अजय को भनक तक नहीं लगी और मिनटों में उनके खाते से 98,956 रुपए और 98,956 रुपए, यानी कुल 1,97,912 रुपए निकल गए पुलिस ने दर्ज किया अपराध
धोखाधड़ी का एहसास होने पर अजय ने तुरंत साइबर टोलफ्री नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। स्मृतिनगर पुलिस ने इस संबंध में बीएनएस की धारा 318(4) के तहत अपराध कायम किया है।
बैंक कभी नहीं मांगता ओटीपी
पुलिस का कहना है कि इस तरह की ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ठग खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों से ओटीपी, कार्ड नंबर और अन्य गोपनीय जानकारी निकाल लेते हैं।
बैंक कभी भी ग्राहकों से इस तरह की डिटेल नहीं मांगता। ऐसे में यदि किसी अनजान नंबर से कॉल आए या कोई लिंक मिले, तो उसे बिल्कुल भी क्लिक न करें और तुरंत 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं।