बस्तर दशहरे की महत्वपूर्ण रस्मों में से एक मावली परघाव की रस्म बुधवार (1 अक्टूबर) की रात अदा की गई

Chhattisgarh Crimesबस्तर दशहरे की महत्वपूर्ण रस्मों में से एक मावली परघाव की रस्म बुधवार (1 अक्टूबर) की रात अदा की गई। माता दंतेश्वरी और माता मावली की डोली और छत्र का राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव समेत हजारों भक्तों ने स्वागत किया। माता के स्वागत के लिए सड़कों पर फूल बिछाए गए। जमकर आतिशबाजी भी की गई।

मावली परघाव की रस्म देखने और माता का दर्शन करने सड़कों पर हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी। सड़क किनारे स्थित घरों की छत के ऊपर भी भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। माता की डोली और छत्र पर फूल बरसाए गए। वहीं, आज 8 चक्कों वाले विजय रथ की परिक्रमा होगी।

राज परिवार ने निभाई रस्म

बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि, बस्तर में अब तक जितने भी राजा थे सभी इस रस्म की अदायगी के समय कांटाबंद (राजा के सिर में फूलों का ताज) पहनकर ही माता की आराधना करने आते थे। मैं भी इसी परंपरा को निभा रहा हूं। यह कांटाबंद का फूल बस्तर के जंगल में मिलता है। इसकी अपनी एक अलग विशेषता है।

उन्होंने कहा कि, इसे पहनकर मां दंतेश्वरी और मां मावली के छत्र और डोली को प्रणाम कर डोली को कंधे पर उठाकर राज महल लाया हूं। माता बस्तर दशहरे में शामिल होंगी। जब तक माता की विदाई नहीं होती, तब तक माता राजमहल प्रांगण में ही रहेंगी। उन्होंने कहा कि, माता हमारी इष्ट देवी हैं। बस्तर दशहरे में शामिल होने सदियों से आ रहीं हैं।

दंतेवाड़ा पहुंच दिए थे निमंत्रण

दरअसल, सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव इस बार भी शारदीय नवरात्रि की पंचमी के दिन दंतेवाड़ा पहुंचे थे।

उन्होंने आराध्य देवी मां दंतेश्वरी को मंगल पत्र भेंट कर बस्तर दशहरा में शामिल होने निमंत्रण दिया था। जिसके बाद अष्टमी के दिन माता की डोली और छत्र को जगदलपुर के लिए रवाना किया गया था।

अष्टमी की देर रात छत्र और डोली जगदलपुर पहुंचीं। जिसके बाद नवमी की रात मावली परघाव की रस्म अदा की गई। परंपरा के अनुसार बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव माता का स्वागत करने के लिए पहुंचे।

मावली परघाव की रस्म में दंतेवाड़ा के कलेक्टर कुणाल दुदावत, जिला पंचायत CEO जयंत नाहटा, SP गौरव राय समेत अन्य अफसर, मंदिर समिति के सदस्य, MLA, भी डोली और छत्र के साथ पहुंचे थे।

जगदलपुर में राज परिवार के सदस्य, डिप्टी CM अरुण साव, मंत्री केदार कश्यप, MLA किरण सिंहदेव , IG, सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, SP शलभ सिन्हा समेत प्रशासन की टीम ने स्वागत किया।

जोगी उठाई रस्म भी हुई पूरी

जगदलपुर के सिरहासार भवन में जोगी उठाई की रस्म भी पूरी की गई। जोगी 9 दिनों से उपवास रहकर एक कुंड में बैठ माता की आराधना और तपस्या किए। जोगी को उठाकर माता के स्वागत के लिए लाया गया।

बस्तर दशहरा में यह रस्म बेहद महत्वपूर्ण होती है। नवरात्र के शुरुआत में ही जोगी तपस्या करने के लिए बैठते हैं ताकि बिना किसी बाधा के दशहरा संपन्न हो जाए।

आज होगी भीतर रैनी की रस्म

आज 8 चक्कों वाले विजय रथ की परिक्रमा होगी। किलेपाल के ग्रामीण रथ खींचेंगे। रथ परिक्रमा के बाद भीतर रैनी की रस्म अदा की जाएगी। जिसमें ग्रामीण परंपरा अनुसार रथ की चोरी करेंगे।