छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला अस्पताल में ‘मरमेड सिंड्रोम’ से पीड़ित एक बच्चे का जन्म हुआ

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के धमतरी जिला अस्पताल में ‘मरमेड सिंड्रोम’ से पीड़ित एक बच्चे का जन्म हुआ। जन्म के लगभग तीन घंटे बाद शिशु की मौत हो गई। 28 वर्षीय महिला का यह दूसरा बच्चा था। डॉक्टरों ने इसे रियर केस बताया है। जानकारी के मुताबिक, लेबर पेन के बाद 8 महीने की प्रेग्नेट महिला को बुधवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने डिलीवरी करने का फैसला लिया। डिलीवरी के डॉक्टरों ने जो देखा, वह हैरान करने वाला था। क्योंकि नवजात के दोनों पैर आपस में जुड़े हुए थे।

 

डॉक्टरों ने इस स्थिति को ‘मरमेड सिंड्रोम’ या ‘सिरेनोमेलिया’ बताया। इस तरह के बच्चों में जन्म के बाद लिंग का पता नहीं चल पाता। डॉक्टरों के अनुसार, ऐसे बच्चों का जीवनकाल आमतौर पर बहुत कम होता है। इसे छत्तीसगढ़ का पहला और भारत का दूसरा ऐसा मामला बताया जा रहा है। 800 ग्राम था बच्चे का वजन

 

डिलीवरी कराने वाली डॉक्टर रागिनी सिंह ठाकुर ने बताया कि बच्चे के दोनों पैर जलपरी की तरह आपस में जुड़े हुए थे। शिशु का ऊपरी हिस्सा जैसे आंख, नाक और हृदय विकसित थे, लेकिन रीढ़ की हड्डी से नीचे का हिस्सा जुड़ा हुआ था। बच्चे का वजन केवल 800 ग्राम था।

 

आमतौर पर सोनोग्राफी में ही ऐसी असामान्यता का पता चल जाता है, लेकिन इस मामले में सीधे डिलीवरी के बाद जानकारी सामने आई। उन्होंने बताया कि उचित पोषण की कमी, मां से बच्चे तक अनुचित रक्त संचार या भ्रूण का पर्यावरणीय टेराटोजेन (कुछ दवाएं) के संपर्क में आने से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।