केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जगदलपुर से मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में भी दो रूटों पर ग्रामीण बसें संचालित की जाएंगी। यह पहल ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाने और उनके विकास को नई दिशा प्रदान करेगी।
योजना के अंतर्गत पहला रूट राजपुर–परसगुड़ी-चिलमाकला-नर्सिंगपुर को जोड़ेगा, जबकि दूसरा रूट रामानुजगंज–बहरचुरा–चरगड-चेरवाहदेही– भितरचुरा तक संचालित होगा। 4 अक्टूबर 2025 को स्थानीय लोगों द्वारा भीतरचुरा से इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इन रूटों पर बस सेवा शुरू होने से आमजनों में काफी उत्साह है। अब ग्रामीण अंचल के लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जिला मुख्यालय तक पहुंचने में समय की बचत होगी और यात्रा आसान हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ाना है। लंबे समय से ग्रामीण अंचल में सड़क परिवहन की कमी एक बड़ी समस्या रही है, जिससे लोगों को सरकारी दफ्तर, बैंक, अस्पताल या शिक्षा संस्थानों तक पहुंचने में कठिनाई होती थी।
इस योजना के माध्यम से अब ग्रामीण सीधे अपने जिला और ब्लॉक मुख्यालय तक बस सेवा का लाभ उठा सकेंगे, जिससे उनकी यात्रा समयबद्ध होगी। इससे निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी, यात्रा का समय घटेगा और शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार से जुड़ी सुविधाओं तक ग्रामीणों की पहुंच बढ़ेगी। ग्रामीण लोग रोजगार और सामाजिक गतिविधियों के लिए आसानी से शहरों तक पहुंच पाएंगे।
महतारी वंदना योजना: महिला ने बेटी के लिए की बचत
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जनकल्याणकारी महतारी वंदना योजना का लाभ अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। जिले के राजपुर विकासखंड की बिदवंती यादव ने इस योजना की राशि का सदुपयोग कर अपनी बेटी अयांशी के भविष्य को संवारने की मिसाल पेश की है।
गृहिणी बिदवंती यादव को महतारी वंदना योजना के तहत प्रतिमाह ₹1000 की सहायता राशि मिलती है। आमतौर पर परिवार इस राशि को घरेलू खर्चों में लगाते हैं, लेकिन श्रीमती यादव ने इसमें से हर महीने ₹300 की राशि बेटी अयांशी यादव के नाम खुले सुकन्या समृद्धि खाते में जमा करना शुरू किया है।
उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले उन्होंने अयांशी के नाम यह खाता खुलवाया था, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण नियमित निवेश संभव नहीं हो पा रहा था। अब शासन की सहायता से यह बचत दोबारा शुरू हो पाई है, जिससे बेटी की शिक्षा और भविष्य सुरक्षित होता दिख रहा है।
श्रीमती यादव केवल महतारी वंदना योजना ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का भी लाभ ले रही हैं। इन योजनाओं ने उन्हें मातृत्व के समय सहयोग देने के साथ-साथ बच्ची की पढ़ाई में निवेश करने का आत्मविश्वास भी दिया है। वे भावुक होकर कहती हैं, “बेटी को पढ़ाना मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। पहले उसका भविष्य अधूरा लगता था, अब सरकार की मदद से वह सपना पूरा होता दिख रहा है।”
श्रीमती बिदवंती की यह पहल अन्य माताओं के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने साबित किया है कि यदि सरकारी योजनाओं का उपयोग सोच-समझकर किया जाए, तो वे केवल सहायता नहीं, बल्कि परिवार की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं।