प्रशासन की लापरवाही…सरेंडर के बाद भागा कैदी

Chhattisgarh Crimesअंबिकापुर केंद्रीय जेल में बंद हत्या के सजायाफ्ता कैदी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से भागकर बिलासपुर पहुंच गया। यहां उसने कलेक्ट्रेट में सरेंडर किया। लेकिन, पुलिस और जेल प्रहरियों की लापरवाही से कैदी सिविल लाइन थाने के सामने घूमते हुए बाइक पर बैठकर भाग निकला।

इधर कैदी के सरेंडर करने की जानकारी अंबिकापुर पुलिस को भी नहीं दी गई थी। अब कैदी के भागने के बाद पुलिस और जेल प्रशासन जिम्मेदारी से बच रहे हैं। पूरा मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था आरोपी

दरअसल, बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम मल्हार निवासी मुकेश कांत को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई है। सजा के बाद उसे बिलासपुर केंद्रीय जेल में रखा गया था।

साल 2024 मारपीट का मामला सामने आने के बाद उसे अंबिकापुर केंद्रीय जेल भेज दिया गया था। जहां वो लंबे समय से सजा काट रहा था। 4 अक्टूबर शनिवार को वह बीमार पड़ा तो उसे जेल से मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती किया गया।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल से हुआ फरार

कैदी मुकेश कांत अस्पताल में सुरक्षा प्रहरियों को बाथरूम जाने की बात कहकर बैरक से निकला। वह काफी देर तक नहीं लौटा तो प्रहरियों ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन उसका पता नहीं चला। इसकी सूचना जेल प्रबंधन को दी गई।

जेल प्रबंधन ने कैदी के अस्पताल से फरार होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिसकर्मियों के साथ जेल प्रहरियों ने बस स्टैंड और आसपास के इलाकों में फरार कैदी की तलाश की। लेकिन, वह नहीं मिला, जिसके बाद पुलिस केस दर्ज कर उसकी तलाश में जुट गई।

कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया सरेंडर

अंबिकापुर से फरार कैदी मुकेश कांत बिलासपुर पहुंच गया। मंगलवार (7 अक्टूबर) की शाम को वह कलेक्टोरेट पहुंचा, जहां उसने सरेंडर किया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने फरार कैदी के सरेंडर करने की जानकारी सिविल लाइन थाने को दी, जिसके बाद उसे सेंट्रल जेल ले जाया गया।

लेकिन, जेल में 2 घंटे रखने के बाद उसे वापस थाने भेजा गया। बताया गया कि सरेंडर करने वाला कैदी अंबिकापुर से फरार हुआ है। लिहाजा, इसकी जानकारी अंबिकापुर पुलिस को दी जानी चाहिए।

जेल में पूछताछ के बाद भेजा टीआई ने लेने से किया इंकार

सिविल लाइन पुलिस ने कैदी मुकेश कांत को जेल दाखिल किया। जिसके बाद प्रहरी से पावती लेकर जवान थाने आ गए। लेकिन, जब जेल में उससे पूछताछ की गई, तब उसके अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से फरार होने और थाने में एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिली।

करीब दो घंटे बाद जेल से कैदी को सिविल लाइन थाने भेजा गया। लेकिन, टीआई ने पावती देने के बाद कैदी को वापस लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में जेल प्रहरियों ने कैदी को थाने के सामने छोड़ दिया और वहां से चले गए। इस दौरान वह करीब आधे घंटे तक सड़क पर घूमता रहा। इसके बाद पत्नी व एक अन्य युवक के साथ बाइक में बैठकर वह चला गया।

जेल अधीक्षक बोले- कैदी को भेजा गया है सिविल लाइन थाना

सेंट्रल जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने बताया कि कैदी ने पैरोल पर रिहा होने की बात कह कर सरेंडर किया था। इसकी जानकारी मिलने पर सिविल लाइन थाने में इसकी सूचना दी गई पर कैदी को लेने में कोई नहीं आया।

लिहाजा, प्रहरी उसे थाने छोड़ने गए थे। बाकायदा इसकी फोटो और वीडियोग्राफी तक कराई गई है। सीनियर अधिकारियों को भी मेल पर सूचना दी गई है।

अंबिकापुर पुलिस को भी नहीं दी सूचना

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से कैदी के फरार होने पर मणिपुर थाने में केस दर्ज किया गया है। नियमानुसार कैदी ने बिलासपुर में सरेंडर किया है, तो इसकी जानकारी अंबिकापुर पुलिस को दी जानी चाहिए थी। ताकि, पुलिस की टीम उसे यहां लेने आ जाती, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाता।

लेकिन, बिलासपुर पुलिस ने कैदी को सीधे सेंट्रल जेल भेज दिया और अंबिकापुर पुलिस को जानकारी तक नहीं दी। अंबिकापुर सीएसपी राहुल बंसल ने बताया कि उन्हें कैदी के सरेंडर करने की कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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