छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को 3 महीने के अंदर जांच पूरी करने कहा है। कोर्ट ने दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक फाइनल रिपोर्ट मांगी है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट की ओर से ऑर्डर अपलोड किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ED और EOW ने मामले की जांच तेज कर दी है। शराब मामले में जुड़े आरोपी अधिकारियों और अन्य लोगों से पूछताछ जारी है। ED आबकारी विभाग के 30 अधिकारियों के बयान दर्ज करने में जुटी है। इनमें 7 रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हैं।
ED के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इन्वेस्टिगेशन को करीब 2 साल हो गए हैं। इस केस को मुकाम तक पहुंचाना होगा। हम अपनी फाइनल जांच सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्धारित समय के अंदर पेश करेंगे।
13 याचिकाओं पर हुई थी सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से संबंधित 13 याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। जस्टिस एम.एम. सुन्दरेश और जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
इन याचिकाओं में छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई अलग-अलग FIR, प्रवर्तन निदेशालय ECIR और जमानत याचिकाएं थी। इसमें आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की जमानत याचिका भी शामिल थी।
कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए ED और राज्य एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे 3 महीने में जांच पूरी करें और पूरक आरोपपत्र दायर करें। इसके बाद याचिकाकर्ता नियमित या अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।