केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों से जुड़े माने जाने वाले भारतीय किसान संघ ने अब प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिय है। संघ की छत्तीसगढ़ इकाई ने 13 अक्टूबर को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने का ऐलान किया है। किसान संघ ने सरकार के सामने 9 सूत्रीय मांगें रखी हैं। चेतावनी दी है कि यदि मांगे पूरी नहीं होतीं, तो आंदोलन और तेज होगा। भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधो सिंह ने बताया कि, किसानों को लेकर सरकार की नीतियां अब सिर्फ कागजों में रह गई हैं। किसानों के मुद्दों को लेकर जो भी वादे किए गए थे, वो पूरे नहीं हुए। हाफ बिजली बिल योजना को दोबारा लागू करने, कृषि पंपों को 24 घंटे बिजली देने, पिछली सरकार की न्याय योजना की बकाया चौथी किस्त दीपावली से पहले देने और धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए के साथ 186 रुपए बोनस जोड़कर देने की प्रमुख मांगें शामिल हैं।
इसके अलावा कृषि उन्नति योजना में गन्ना फसल को शामिल करने, खाद की कालाबाजारी रोकने और सहकारी समितियों में खाद का भंडारण सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों को लेकर भी किसान संघ सरकार से जवाब मांग रहा है।
आंदोलन को कांग्रेस ने दिया समर्थन
इस पूरे आंदोलन को कांग्रेस ने भी समर्थन दे दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बताया कि, हम भारतीय किसान संघ के इस विरोध का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के किसान परेशान हैं। न समय पर धान की खरीदी हो रही है और न ही बिजली बिल में किसानों को राहत मिल पा रही है।