छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली प्रवक्ता रूपेश समेत 140 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। DKSZCM (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) सदस्य रूपेश माड़ डिवीजन और इंद्रावती एरिया कमेटी इलाके में एक्टिव था।
सभी हथियार के साथ इंद्रावती नदी के उसपरी घाट पहुंचे। यहां से उन्हें बोट के जरिए बीजापुर पुलिस के पास लाया गया है। इस पूरे इलाके में पुलिस बल को तैनात किया गया है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा जगदलपुर पहुंच गए हैं। कल शुक्रवार को सीएम विष्णुदेव साय के समक्ष सभी नक्सली आधिकारिक तौर पर सरेंडर करेंगे।
रूपेश नक्सलियों का प्रवक्ता है। हार्डकोर नक्सली है। रूपेश के साथ आए लोगों में 1 सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM), 2 दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर (DKSZCM), 15 डिविजनल कमेटी मेंबर (DVCM), एक माड़ DVC और 121 अन्य कैडर के माओवादी शामिल हैं। इससे पूरा माड़ डिवीजन खाली हो जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर कहा कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब छिटपुट नक्सली केवल साउथ बस्तर में बचे हुए हैं, जिन्हें हमारे सुरक्षा बल जल्द ही समाप्त कर देंगे। 2 दिनों में 258 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं।
अमित शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 को न्यूट्रलाइज किया गया है। यह 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतिबिम्ब है।
2 दिनों में 258 नक्सलियों ने हथियार डाले
इसके साथ ही शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गुरुवार को 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। कल 27 ने हथियार डाले थे। महाराष्ट्र में भी कल 61 नक्सली हथियार त्याग कर मुख्यधारा में लौटे। पिछले 2 दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है।
समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील
अमित शाह ने आगे लिखा हिंसा छोड़कर भारत के संविधान पर अपना विश्वास पुर्नस्थापित करने के इन सभी के निर्णय की सराहना करता हूं। नक्सलियों के खिलाफ हमारी नीति स्पष्ट है। जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है।लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सभी नक्सलियों से अपील है कि हथियार त्याग दें और मुख्यधारा में लौट आएं।
कांकेर में 50 से ज्यादा नक्सलियों का सरेंडर
बता दें कि एक दिन पहले 15 अक्टूबर को कांकेर जिले में करीब 50 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया था। इनमें टॉप लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल है। जंगलों से बाहर आकर इन नक्सलियों ने कामतेड़ा BSF कैंप में हथियार डाले हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार नक्सलियों के छिपने की कोई जगह नहीं छोड़ रहे हैं। देश में अब नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। 31 मार्च, 2026 तक भारत नक्सलवाद के खतरे से मुक्त हो जाएगा।
अब देश में 3 जिले ही नक्सलियों से सबसे ज्यादा प्रभावित
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर बताया कि देश में अब नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। इसमें भी जो सबसे ज्यादा प्रभावित जिले थे। उनकी संख्या 6 से 3 रह गई है। अब केवल छत्तीसगढ़ का बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर ही 3 ऐसे जिले रह गए हैं। जो नक्सलियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
कांकेर में 50 से ज्यादा नक्सलियों ने किया सरेंडर
15 अक्टूबर को उत्तर बस्तर स्थित कांकेर जिले में 50 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया। इनमें टॉप लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल है। जंगलों से बाहर आकर इन नक्सलियों ने कामतेड़ा BSF कैंप में हथियार डाले हैं।
सभी नक्सलियों को बस के जरिए कैंप लाया गया। सुरक्षा कारणों के चलते BSF कैंप को हाई अलर्ट पर रखा गया था। इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के मुख्यधारा में लौटने से इलाके में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
फिलहाल, कांकेर पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों की पहचान करने में जुटी हुई है। संभावना है कि इन्हें जल्द ही जिला मुख्यालय या संभागीय मुख्यालय में मीडिया के सामने पेश किया जाएगा।
नक्सलियों के सरेंडर का सिलसिला जारी
इससे एक दिन पहले नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने भी हिंसा का रास्ता छोड़ा और अपने अन्य 60 साथियों के साथ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सरेंडर किया। जिसके बाद से अब छत्तीसगढ़ में भी सरेंडर का सिलसिला लगातार जारी है।