हर साल की तरह इस साल भी दिवाली में छत्तीसगढ़ का बस्तर ओडिशा के दीयों से जगमगाएगा। इसकी वजह है बस्तर के स्थानीय कुम्हार दीये कम बना रहे हैं, जबकि पड़ोसी राज्य ओडिशा के कुम्हार लाखों की संख्या में मिट्टी के आकर्षक दीया बनाकर बस्तर के बाजारों में बेचने पहुंचे हैं।
हर साल ओडिशा के करीब 200 से ज्यादा परिवारों का रोजगार छत्तीसगढ़ के ग्राहकों से चलता है। इस बार भी नवरंगपुर से कुम्हार दीये लेकर जगदलपुर पहुंचे हैं।
थोक और चिल्हर में दीये बेचकर अच्छे खासे पैसे कमा रहे हैं। जगदलपुर के सिरहसार भवन, गोलबाजार, संजय मार्केट और चांदनी चौक के पास दीयों का बाजार भरा है।
थोक के दीये की दुकान लगी
सिरहासार भवन के पास ओडिशा से आए कुम्हार थोक के दीये की दुकान लगाए हैं। बस्तर के कुम्हार या फिर अन्य व्यापारी दीये खरीदकर अलग-अलग जगह दुकान लगाकर रखे हैं।
जो मिट्टी के दीपक, गुल्लक, मटका, समेत मिट्टी के अन्य सामान की दुकान लगाए हैं।
स्थानीय युवक बोले- एक भी दीया नहीं बचता
बस्तर के स्थानीय युवक ओडिशा के कुम्हारों से दीये खरीदकर लाए और बेचकर अपना रोजगार चला रहे हैं। युवक राजू बघेल ने बताया कि, बस्तर में मिट्टी का दीपक बहुत कम मिलता है।
इसलिए वो भी हर साल ओडिशा से मिट्टी के दीये, गुल्लक, मटका समेत अन्य सामान खरीदते हैं। इस बार भी यह सामान लाकर सड़क किनारे दुकान लगाकर बेच रहा है।
दुकान लगाने वाले राजू ने बताया कि, छोटा दीया 20 रुपए में 12 नग और बड़ा दीया 100 रुपए में एक नग बेचा जा रहा है। इसके साथ ही गुल्लक की कीमत भी 100 रुपए है।
हर साल दीपावली से पहले सब सामान बिक जाता है। जिससे उनकी अच्छी आमदनी होती है।