खुर्सीपार मिनी स्टेडियम में शराब दुकान का मामला. दुर्ग जिले के भिलाई में जिस निगम ने खुर्सीपार मिनी स्टेडियम की दुकानों के आवंटन नियमों में शराब और नशीले पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था, उसी भिलाई निगम ने खेल परिसर में शराब दुकान खोलने की सहमति दी थी। एमआईसी की बैठक में खुर्सीपार मिनी स्टेडियम में शराब दुकान खोलने को लेकर सहमति दी गई थी। इसका पत्र महापौर के हस्ताक्षर के साथ जारी भी हुआ था। मिनी स्टेडियम खुर्सीपार में शराब दुकान खोलने का विरोध अब तक जारी है।
खुर्सीपार मिनी स्टेडियम के आवंटन को लेकर ये है नियम
22 जुलाई 2025 के आदेशानुसार मिनी स्टेडियम खुर्सीपार की दुकानों के आवंटन नियम और शर्ते की कंडिका 15 में उल्लेख है कि यह कि देशी विदेशी शराब दुकान, गांजा, भाग, विस्फोटक साम्रगी, होटल रेस्टारेंट जिसमें कोयला लकडी का उपयोग हो अथवा कर्मशाला या कारखाना वर्कशाप गैरेज फल सब्जी दुकान जिसे वातावरण एवं पर्यावरण प्रदूषित होने की संभावना हो संबंधित व्यवसाय प्रतिबंधित रहेगा। दो महीने बाद एमआईसी में इसके उलट लिया निर्णय
आवंटन को लेकर सख्ती नियमों को जारी करने के दो महीने बाद ही निगम की एमआईसी ने यहां पर शराब दुकान खोलने की सहमति दे दी। महापौर काउंसिल की बैठक में जो सहमति बनी उस पत्र में उल्लेख है कि खुर्सीपार की विदेशी मदिरा दुकान को उसी क्षेत्र में खोलना है।
खुर्सीपार स्टेडियम के आस-पास आबादी नहीं है। इसलिए स्टेडियम की ए-1 और ए-2 दुकानों को नियम व शर्तों के साथ शराब दुकान खोलने की अनुमति का संकल्प पारित किया गया।
स्टेडियम में अब नहीं खुलेगी शराब दुकान
17 अक्टूबर यानी एक दिन पहले शुक्रवार को नगर निगम भिलाई की सामान्य सभा में एमआईसी सदस्यों ने विपक्ष के प्रस्ताव पर एक स्वर में कहा कि खुर्सीपार के मिनी स्टेडियम में शराब दुकान नहीं खुलना चाहिए। नगर निगम का यह रवैया अब लोगों की समझ से परे है।
पहले तो खुद निगम ने शराब दुकान न खोलने का नियम बनाया, उसके बाद निगम ने ही शराब दुकान खोलने की सहमति दी और अंत में खुद शराब दुकान न खोलने पर सहमति जता रहे हैं। अब तक कोई भी निर्णय कागजों पर नहीं
विभाग की ओर से अब तक खुर्सीपार मिनी स्टेडियम में शराब दुकान खोलने को लेकर ही तैयारी है। स्टेडियम में शराब दुकान नहीं खुलेगा, इसको लेकर अब तक कागजों पर कोई आदेश नहीं है। स्थानीय लोगों का विरोध अब तक जारी है।
वार्ड पार्षद और जोन अध्यक्ष भुपेंद्र यादव लगातार इसको लेकर विरोध जता रहे हैं। स्थानीय लोगों और खिलाड़ियों के साथ जनदर्शन में भी इसकी शिकायत की जा चुकी है। हालांकि अब तक किसी भी तरह का निर्णय लोगों के पक्ष में नहीं आया है।
हत्या के बाद पहली जगह से हटाई गई थी दुकान
राजेंद्र प्रसाद नगर स्थित शराब दुकान खुर्सीपार गेट के आगे फोरलेन के किनारे थी। स्थानीय लोगों का आरोप था कि दुकान के आसपास आए दिन नशे में झगड़े होते रहते थे। बीते 17 सितंबर को नशे में धुत एक युवक ने एस. कामेश राव की हत्या कर दी।
हत्या के बाद नागरिकों ने शराब दुकान को हटाने की मांग को लेकर हंगामा किया। बढ़ते दबाव के बाद प्रशासन ने दुकान को वहां से हटाने का निर्णय लिया। महिलाओं ने किया था 13 दिन विरोध
पहली जगह से हटाने के बाद आबकारी विभाग ने दुकान को करीब एक किलोमीटर दूर शिवाजी नगर में खोलने की योजना बनाई। लेकिन 25 सितंबर को दुकान का शटर खुलने से पहले ही स्थानीय महिलाएं सुबह 9 बजे मौके पर पहुंच गईं और विरोध शुरू कर दिया।
महिलाओं ने साफ कहा कि, यहां शराब दुकान नहीं खुलने देंगे। यह आंदोलन लगातार 13 दिन तक चला। आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा और दुकान को वहां से भी नहीं खोला गया।
खिलाड़ी यहां करते हैं प्रैक्टिस
स्थानीय लोगों ने बताया कि, खेल परिसर में शराब दुकान खोलना काफी गैरजिम्मेदारी वाला फैसला है। यहां बालक और बालिका दोनों ही खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं। यहां पर शराब दुकान खोलने से वातावरण खराब हो जाएगा।
महिलाओं और खिलाड़ियों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि खेल परिसर में किसी भी कीमत पर शराब दुकान नहीं खोलने देंगे। फिलहाल कोई निर्णय नहीं
इस पूरे मामले को लेकर अब तक केवल विरोध प्रदर्शन और मौखिक आश्वासन तक ही बात पहुंच सकी है। खुर्सीपार के मिनी स्टेडियम में शराब दुकान खुलेगा या नहीं इसको लेकर कागजों में अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
मामले को लेकर स्थानीय लोग कोर्ट जाने तक की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर से चर्चा कर इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन को इस क्षेत्र में शराब दुकान के लिए दूसरी जगह नहीं मिल पा रही है।