रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। गृह विभाग ने इस संबंध में सभी जरूरी प्रक्रियाएं लगभग पूरी कर ली हैं। दिवाली के बाद होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग सकती है। जिसके बाद 1 नवंबर से रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो सकती है।
गृह विभाग ने कुछ समय पहले पुलिस मुख्यालय (PHQ) से प्रतिवेदन मांगा था। इसके बाद एडीजी प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी। जिसमें आईजी अजय यादव, आईजी अमरेश मिश्रा, डीआईजी ओपी पाल, एसपी अभिषेक मीणा और एसपी संतोष सिंह सदस्य थे।
समिति ने अलग-अलग राज्यों की पुलिस कमिश्नर प्रणालियों का अध्ययन कर अपना प्रतिवेदन गृह विभाग को सौंप दिया है। कमेटी की रिपोर्ट पर अब साय कैबिनेट के सदस्य निर्णय लेंगे। जानकारी के मुताबिक रायपुर पुलिस कमिश्नर बनने की रेस 4 सीनियर IPS शामिल हैं। वहीं एडिशनल पुलिस कमिश्नर के लिए भी 4 दावेदार हैं।
कमेटी ने दिए 3 सुझाव
एडीजी प्रदीप गुप्ता की कमेटी ने जिन राज्यों में कमिश्नरी लागू है, वहां की स्टडी करके अपना प्रतिवेदन तैयार किया है। कमिश्नर की रैंक को लेकर तीन विकल्प तैयार किए गए हैं।
- पहला विकल्प: एडीजी रैंक के अधिकारी को कमिश्नर बनाना।
- दूसरा विकल्प: आईजी रैंक का अधिकारी नियुक्त करना है।
- तीसरा विकल्प: डीआईजी रैंक के अधिकारी को कमिश्नर बनाना
इनमें से किस विकल्प को अपनाया जाएगा, इसका फैसला कैबिनेट बैठक में किया जाएगा। साथ ही, शीर्ष पद के चयन के आधार पर जॉइंट कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और एसीपी की संख्या भी तय की जाएगी।
शुरुआती प्रस्ताव के अनुसार, कमिश्नर से लेकर थाना प्रभारी (टीआई) तक लगभग 60 से ज्यादा अधिकारी इस नई व्यवस्था में काम करेंगे।
कमेटी ने की इन राज्यों की स्टडी
- ओडिशा
- मध्यप्रदेश
- महाराष्ट्र
- कर्नाटक