राजनांदगांव जिले में इस मानसून सीजन में सबसे कम बारिश दर्ज की गई

Chhattisgarh Crimesराजनांदगांव जिले में इस मानसून सीजन में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से अब तक जिले में मात्र 94 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य औसत 214 मिमी से 60% कम है।

खरीफ फसल की बुवाई इस कम बारिश से प्रभावित हुई है। जिले में अभी तक केवल 55% क्षेत्र में ही धान की बुवाई हो पाई है। हालांकि, रविवार रात से सोमवार तक हुई रिमझिम बारिश ने किसानों को कुछ राहत दी है। इससे बुवाई की गति में तेजी आई है।

क्षेत्रीय वितरण में असमानता देखी जा रही है। मोहला-मानपुर और खैरागढ़ के वनांचल क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है। वनांचल में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई है। लेकिन मैदानी इलाकों में स्थिति अभी भी चिंताजनक है, जहां केवल हल्की बारिश हो रही है।

पिछले चार दिनों की बारिश से नदी-नालों में जल स्तर में कुछ सुधार हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में दो द्रोणिका और दो चक्रवाती परिसंचरण का सिस्टम मजबूत स्थिति में है, जिससे आगे अच्छी बारिश की संभावना है।

खाद का संकट जारी, इधर जिला प्रशासन का दावा- पर्याप्त भंडारण कर चुके हैं

खेती सीजन के ऐन समय पर सोसाइटियों में खाद का भी संकट बना हुआ है। किसान जरुरी खाद के लिए भटक रहे हैं। हालाकि जिला प्रशासन ने दावा किया है कि सभी सोसाइटियों में खाद का पर्याप्त भंडारण किया गया है। जिसके चलते वितरण भी बेहतर हो रहा है।

जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 30269.4 मीट्रिक टन खाद का भंडारण किया गया है। जिसमें अब तक किसानों को 24652 मीट्रिक टन खाद का वितरण सोसाइटियों से किया गया है। वहीं बीज की बात करें तो जिले में 10661 क्विंटल बीज का भंडारण और 9259.82 क्विंटल बीज का वितरण किए हैं।

बारिश के कमजोर होने का खेती पर ऐसा असर

जून में बारिश कमजोर होने की वजह से खरीफ फसलों की बोनी पिछड़ गई है। जिले में कुल 1 लाख 84 हजार 400 हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसल की बोनी होती है। इसमें धान का रकबा 1 लाख 72 हजार 600 हेक्टेयर है। जिसमें SS फीसदी रकबे में ही धान की बोनी हो सकी है।

अच्छी बारिश के इंतजार में शेष हिस्से में बोनी पूरी नहीं हो सकी है। इधर खरीफ सीजन का रोष रकबा दूसरी दलहन- तिलहन फसलों का है। मौसम विभाग ने आगे अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है। जिससे स्थिति सुधरेगी।