
भाजपा की मुख्य मांग थी कि सामान्य सभा में नगर विकास पर हो रही चर्चा में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने नगर के सभी जनप्रतिनिधियों, खासकर भाजपा पार्षदों को दर्शक दीर्घा में बैठाने की व्यवस्था करने की मांग की, ताकि वे चर्चा को सुन और समझ सकें।
माहौल गर्माता देख कटघोरा पुलिस मौके पर पहुंची और किसी भी तरह की गहमागहमी को शांत कराया। इस पूरे विवाद पर नगर पालिका के सीएमओ ने कहा कि अधिनियम के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार नगर पालिका परिषद के सदस्यों का है, न कि सीएमओ का।
जानिए मंडल अध्यक्ष ने क्या कहा ?
मंडल अध्यक्ष अभिषेक गर्ग ने बताया कि भाजपा पार्षद दर्शक दीर्घा में बैठकर लोगों की समस्याओं को सामने रखना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने सीएमओ से भी अनुमति मांगी, जिस पर सीएमओ ने अध्यक्ष की अनुमति के बिना बैठने से इनकार कर दिया।
गर्ग ने तर्क दिया कि अधिनियम के तहत दर्शक दीर्घा में बैठने की अनुमति होती है, जैसा कि लोकसभा और विधानसभा में आम लोगों के लिए व्यवस्था होती है।
सीएमओ से की गई थी समस्या को लेकर चर्चा
भाजपा जिला महामंत्री संजय शर्मा ने बताया कि इस समस्या को लेकर सीएमओ से भी चर्चा की गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा पार्षदों और अन्य गणमान्य लोगों को सामान्य सभा में बैठने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि समस्याओं का समाधान हो सके।
बैठक में परिषद और अध्यक्ष का फैसला मान्य
नगर पालिका कटघोरा के सीएमओ मुद्रिका प्रसाद तिवारी ने स्पष्ट किया कि सामान्य सभा की बैठक में केवल परिषद और अध्यक्ष का फैसला मान्य होता है। उनकी अनुमति के बिना किसी को भी सामान्य सभा में बैठने नहीं दिया जाता है।