छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के थनौद गांव के मूर्तिकारों पर भारतमाला परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे भारी पड़ने वाला

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के थनौद गांव के मूर्तिकारों पर भारतमाला परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे भारी पड़ने वाला है। कम ऊंचाई के अंडरब्रिज के कारण यहां की प्रसिद्ध मिट्टी की विशाल मूर्तियां भविष्य में गांव से बाहर नहीं जा सकेंगी। जिससे सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।

दरअसल, थनौद गांव शिवनाथ नदी के किनारे बसा है और अपनी विशिष्ट मूर्तिकला के लिए जाना जाता है। यहां करीब 50 परिवार पिछले 50 वर्षों से मूर्तियां बनाकर छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक आपूर्ति करते हैं।

लेकिन अब 92 किलोमीटर लंबे दुर्ग-आरंग एक्सप्रेसवे के लिए बनाए जा रहे तीन अंडरब्रिज में से दो की ऊंचाई सिर्फ 4 मीटर (करीब 13 फीट) रखी गई है। जबकि यहां बनने वाली मूर्तियों की ऊंचाई अधिकतम 20 फीट तक होती है।

मूर्ति निर्माताओं ने जताई गहरी चिंता

थनौद के मूर्तिकार शिव कुमार, बालम दास, गिरधर, राधे चक्रधारी ने बताया कि मूर्ति के खरीदार जब यहां की मूर्तियां ले ही नहीं जा पाएंगे, तो उनका व्यवसाय पूरी तरह खत्म हो जाएगा। उनका कहना है कि इस साल तो मुख्य मार्ग पर निर्माणाधीन अंडरब्रिज पूरा नहीं हुआ है, इसलिए मूर्तियां किसी तरह निकल जाएंगी। लेकिन अगले वर्षों में यह रास्ता पूरी तरह बंद हो जाएगा।

ग्रामीण और जनप्रतिनिधि लामबंद

इस संकट को देखते हुए मूर्तिकारों के साथ-साथ क्षेत्र के किसान, चार गांवों के सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य भी कलेक्टर, विधायक और सांसद से गुहार लगा चुके हैं। पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कलेक्टर से चर्चा की और समाधान की मांग की थी।

सांसद और प्रशासन ने दिया आश्वासन

दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि “मूर्तिकार अपनी समस्याओं को लेकर मेरे पास आए थे। मैंने NHAI के अधिकारियों से तुरंत बात की। अंडरब्रिज की ऊंचाई बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि मूर्तियां आसानी से निकल सकें।”

दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि,​​​​​​​ “ग्रामीणों के आवेदन पर NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को अवगत कराया गया है। उन्होंने अपने वरिष्ठ कार्यालय को पत्राचार भेजा है। जैसे ही अनुमोदन मिलेगा, आवश्यक निराकरण कर सूचित किया जाएगा।”

मूर्तिकारों की मांग

  • अंडरब्रिज की ऊंचाई कम से कम 20 फीट तक बढ़ाई जाए।
  • निर्माण में संशोधन कर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
  • मूर्तिकारों के पारंपरिक व्यवसाय को संरक्षित किया जाए।