छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने 4 आरोपियों को जमानत दे दी

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने 4 आरोपियों को जमानत दे दी है। रायपुर जेल में बंद पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश सोनवानी, भतीजे साहिल सोनवानी, कारोबारी श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। यह सभी आरोपी पिछले कुछ महीनों से न्यायिक हिरासत में थे। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत मंजूर की है। इन पर CGPSC परीक्षा घोटाले के चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी और गलत तरीके से पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है। 30 सितंबर को 2000 पन्नों का पहला पूरक चालान हुआ था पेश

 

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 30 सितंबर को स्पेशल कोर्ट में 2000 पन्नों का पहला पूरक चालान पेश हुआ था। इस चालान में घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे किए गए। एजेंसी ने CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है।

 

इसके अलावा आरती वासनिक, जीवन किशोर ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडिल को भी आरोपी बनाया गया है। सभी आरोपियों की भूमिका का विस्तार से जिक्र करते हुए CBI ने सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट को जानकारी दी है। फिलहाल, सभी आरोपी CBI की न्यायिक रिमांड में जेल में बंद हैं। मामले में अब तक 12 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। टामन ने घर पर साहिल-नीतेश को दिया पेपर

 

CBI के मुताबिक, टामन ने परीक्षा का पर्चा लीक कर घर पर साहिल, नीतेश, उसकी पत्नी निशा कोसले और दीपा आदिल को दिया। परीक्षा में दीपा जिला आबकारी अधिकारी, निशा डिप्टी कलेक्टर, साहिल डीएसपी और नीतेश डिप्टी कलेक्टर बने।

 

ललित गणवीर ने पर्चा बजरंग पावर एंड इस्पात के डायरेक्टर श्रवण गोयल को दिया। उनके बेटे शशांक, बहू भूमिका ने उससे तैयारी की। दोनों डिप्टी कलेक्टर पद पर चुने गए।

 

आरती ने टामन और ललित के साथ पेपर दूसरों को दिए

 

CGPSC 2021 की परीक्षा में प्री और मेन्स दोनों के सभी सेट लीक हुए थे। ये लीक तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक ने चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर और सचिव जीवन किशोर ध्रुव ने मिलकर किया।

 

पर्चे छापने का ठेका कोलकाता के अरुण द्विवेदी की प्रिंटिंग प्रेस मेसर्स एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। कंपनी ने प्रिलिम्स के 2 पर्चे तैयार किए थे। इसमें सामान्य अध्ययन और छत्तीसगढ़ से संबंधित 100 प्रश्नों का प्रश्न पत्र था। सामान्य अभिरुचि (सीसेट) के 100 प्रश्नों का दूसरा प्रश्न पत्र शामिल था।