रायपुर में बस स्टैंड के पास बैठे दिव्यांग संघ के लोगों को पुलिस ने बलपूर्वक उठाया और गाड़ी में डालकर नवा रायपुर स्थित तूता धरनास्थल ले गई

Chhattisgarh Crimesरायपुर में बस स्टैंड के पास बैठे दिव्यांग संघ के लोगों को पुलिस ने बलपूर्वक उठाया और गाड़ी में डालकर नवा रायपुर स्थित तूता धरनास्थल ले गई। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पुलिस महिलाओं और पुरुषों को घसीटकर हटाते नजर आ रही है।

छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचा था। फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी करने वाले 148 अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की जा रही है।

घेराव के दौरान पुलिस की बर्बरता से दिव्यांग जनों में आक्रोश है। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आत्मदाह की चेतावनी दी है।

महिला दिव्यांगों के साथ बदसलूकी का आरोप

विधानसभा घेराव से पहले वायरल हुए वीडियो में पुलिस महिला दिव्यांगों को घसीटते और बदसलूकी करते दिख रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर निकले थे, लेकिन पुलिस उन्हें प्रदर्शन करने से रोक रही है।

दिव्यांग संघ के लोगों ने बताया कि इससे पहले भी कई बार प्रदर्शन किया है और सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना आंदोलन वापस लिया। लेकिन अब तक मांगे पूरी नहीं होने पर आज सभी दिव्यांग विधानसभा का घेराव करने रायपुर पहुंचे थे।

6 सूत्रीय मांग

  • फर्जी प्रमाणपत्र वालों की तत्काल बर्खास्तगी।
  • दिव्यांग कोटे के बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान।
  • दिव्यांग पेंशन 5000 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
  • बीपीएल की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
  • 21 वर्ष से अधिक अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना में शामिल किया जाए।
  • 3% पदोन्नति आरक्षण के पालन के लिए परिपत्र जारी किया जाए।

148 से अधिक अधिकारी कर रहे फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी

विधानसभा घेराव से पहले दिव्यांग संघ के पदाधिकारियों ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) से चयनित 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, 2 सहकारिता निरीक्षक, 3 पशु चिकित्सक सहित कुल 148 अधिकारियों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की है।

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