 छत्तीसगढ़ के बालोद शहर के किनारे स्थित तांदुला जलाशय में बने मछली पालन के केज में चौकीदारी करने वाले दो कर्मचारियों ने जाल खोलकर करीब 30 हजार मछलियों को जलाशय में बहा दिया, जिससे ठेकेदार को लगभग 6 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इस मामले में अब बालोद थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दरअसल, राजनांदगांव के रहने वाले तुषार देवांगन ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उन्होंने 2 महीने पहले तांदुला डेम में मछली पालन के लिए 10 साल की लीज पर केज लिया है। इस केज में मछली पालन की देखरेख के लिए रविन्द्र कुमार कुरेटी (ग्राम मालगांव), हेमशंकर कस्तुरे (ग्राम बेलमाण्ड) और सैजलाल ढीवर (बालोद) काम कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ के बालोद शहर के किनारे स्थित तांदुला जलाशय में बने मछली पालन के केज में चौकीदारी करने वाले दो कर्मचारियों ने जाल खोलकर करीब 30 हजार मछलियों को जलाशय में बहा दिया, जिससे ठेकेदार को लगभग 6 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इस मामले में अब बालोद थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दरअसल, राजनांदगांव के रहने वाले तुषार देवांगन ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उन्होंने 2 महीने पहले तांदुला डेम में मछली पालन के लिए 10 साल की लीज पर केज लिया है। इस केज में मछली पालन की देखरेख के लिए रविन्द्र कुमार कुरेटी (ग्राम मालगांव), हेमशंकर कस्तुरे (ग्राम बेलमाण्ड) और सैजलाल ढीवर (बालोद) काम कर रहे थे।
इसी दौरान रविंद्र और हेमशंकर ने केज की जाली खोलकर 30 हजार मछलियों को डेम में बहा दिया।
सीसीटीवी की वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा
सुरक्षा के लिए केज में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जो मोबाइल एप्लिकेशन से जुड़े हुए थे। 26 अक्टूबर को सुबह 10.55 बजे सीसीटीवी वॉयस रिकॉर्डिंग की जांच करने पर पता चला कि रविन्द्र कुमार और हेमशंकर कस्तुरे, सैजलाल ढीवर को गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
उन्होंने मछली दाना फेंकने और मछली पालन केज को नुकसान पहुंचाने की बात भी कही। साथ ही, शिकायतकर्ता और उनके सहयोगियों को भी अपशब्द कहे गए। तुषार देवांगन ने बताया कि प्रत्येक मछली का वजन लगभग 20 से 50 ग्राम था। इस घटना से लगभग 6 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। बालोद पुलिस ने अब इस मामले में बीएनएस की धारा 296, 324(5) और 351(3) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।