 अब राजधानी में धरना-प्रदर्शन या जुलूस निकालने के लिए आपको टैक्स देना होगा! रायपुर नगर निगम ने यह फैसला लिया है कि अब सार्वजनिक खुले स्थानों पर धरना-प्रदर्शन करने या पंडाल लगाने के लिए आयोजन शुल्क लिया जाएगा। निगम ने निर्धारित किया है कि धरना-प्रदर्शन करने के लिए 500 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
अब राजधानी में धरना-प्रदर्शन या जुलूस निकालने के लिए आपको टैक्स देना होगा! रायपुर नगर निगम ने यह फैसला लिया है कि अब सार्वजनिक खुले स्थानों पर धरना-प्रदर्शन करने या पंडाल लगाने के लिए आयोजन शुल्क लिया जाएगा। निगम ने निर्धारित किया है कि धरना-प्रदर्शन करने के लिए 500 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
वहीं, यदि किसी को पंडाल लगाने की अनुमति चाहिए, तो इसके लिए 5 रुपए प्रति वर्ग फुट शुल्क लिया जाएगा। नया रायपुर स्थित तूता धरना स्थल पर पहले से प्रदर्शन पर रोक है। ऐसे में नगर निगम के इस फैसले पर कई संगठनों ने विरोध किया है। नेताओं का कहना है कि लोग अपनी आवाज ना उठा पाए, इसलिए टैक्स लगाया जा रहा है।
रूट की भी जानकारी देनी होगी
महापौर मीनल चौबे ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के आयोजन से नगर निगम को साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं के लिए खर्च करना पड़ता है, इसलिए यह शुल्क लागू किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह जरूरी है कि जब कोई प्रदर्शन होता है, तो हमें मार्ग की जानकारी और उसके बाद की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना पड़ता है।’
दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान महापौर मीनल चौबे ने बताया कि, राज्य शासन का स्पष्ट आदेश है कि इस प्रकार की गतिविधियों के लिए विशेष नियम रखे जाएं, उसी नियम के तहत आज प्रक्रिया हुई है, उसमें शुल्क रखा गया है।
कोई भी धरना प्रदर्शन या जुलूस होता है तो अगर वो प्रदर्शन दें तो हमें रूट की भी जानकारी हो जाती है, शुल्क लेने से वहां साफ-सफाई की व्यवस्था, प्रदर्शन के बाद जो गंदगी होती है, उसमें हमें साफ-सफाई के लिए भी एफर्ट लगाना पड़ता है,तो शासन के निर्देश के मुताबिक उसमें शुल्क लगाया गया है।
संगठनों का विरोध
नगर निगम के इस फैसले पर कई संगठनों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि यह कदम लोकतंत्र की हत्या करने की साजिश है। उनका आरोप है कि अगर इस तरह से धरना-प्रदर्शन पर टैक्स लगाया जाएगा तो लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, और यह उग्र आंदोलन को जन्म दे सकता है। संगठनों ने प्रशासन से इस फैसले को वापस लेने की अपील की है।
किसान नेता तेजराम विद्रोही ने कहा कि, नगर निगम के द्वारा धरना प्रदर्शन करने पर जो शुल्क लागू किया गया है, ये सरासर लोकतंत्र की हत्या करने की साजिश शासन के द्वारा चल रही है, इस तरह से अगर जबरदस्ती रोका जाएगा, तो और उग्र आंदोलन होगा, हम प्रशासन के इस आदेश की घोर निंदा करते हैं, इसे वापस लेना चाहिए।
आने वाले दिनों में बढ़ सकता है शुल्क
वर्तमान में रायपुर नगर निगम ने 500 रुपए का शुल्क तय किया है, लेकिन इस शुल्क को बढ़ाने का भी विचार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, आने वाले दिनों में यह शुल्क 1000 रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। इस प्रस्ताव को निगम की सामान्य सभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है।
नवा रायपुर में धरना-प्रदर्शन पर अस्थायी रोक
फिलहाल नवा रायपुर के अटल नगर में धरना-प्रदर्शन पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। यहां रखरखाव कार्य के कारण दो महीने तक कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हो सकेगा। रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने इस आदेश दिया है। इस दौरान जिला प्रशासन ने किसी अन्य स्थल पर धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है।