छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ED को 10 दिन के अंदर पूरे काउंटर एफिडेविट जमा करने को कहा है।2000 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले केस की सुनवाई 31 अक्टूबर को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्य बागची की बेंच ने की। चैतन्य बघेल की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और N. हरिहरन ने पक्ष रखा।

 

कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि गैर-सहयोग के आरोप में बिना नोटिस या समन के ही गिरफ्तारी की गई। PMLA की धारा 19 के तहत बिना नोटिस के गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। जांच एजेंसी इन्वेस्टिगेशन के नाम पर जानबूझकर देरी कर रही है, ताकि आरोपी को लंबे समय तक जेल में रखा जा सके।

 

चैतन्य बघेल पिछले 3 महीने से जेल में बंद हैं। ED ने 18 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। चैतन्य ने जमानत के साथ ही PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) एक्ट की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपों पर जवाब देना होगा

 

इस दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के आरोपों पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि गैर-सहयोग एकमात्र आधार नहीं है। आरोपों का जवाब तो देना पड़ेगा। वहीं जस्टिस बागची ने कहा कि यह सिर्फ गिरफ्तारी के आधार का मामला नहीं है, बल्कि सवाल यह भी है कि जांच कब तक चलेगी।

 

ED का जवाब- हमारे पास जांच के लिए 3 महीने का वक्त

 

ED की ओर से ASG एसवी. राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें जांच पूरी करने के लिए 3 महीने का समय दिया है। प्रक्रिया जारी है। इसके बाद कोर्ट ने मामले पर नोटिस जारी कर ED को 10 दिन में काउंटर-एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है। काउंटर फाइल होने के बाद अगली सुनवाई तय होगी।