दुर्ग जिले के थाना नंदनी नगर क्षेत्र के बहुचर्चित भुईया पोर्टल छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया

Chhattisgarh Crimesदुर्ग जिले के थाना नंदनी नगर क्षेत्र के बहुचर्चित भुईया पोर्टल छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसीसीयू (साइबर क्राइम यूनिट) और थाना नंदनी नगर की संयुक्त कार्रवाई में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

मामला भुईया सॉफ्टवेयर को हैक कर जमीन का रकबा फर्जी तरीके से बढ़ाकर 36 लाख रुपए का बैंक लोन निकालने से जुड़ा हुआ है। आरोपियों ने मुरमुंदा ग्राम के पटवारी का यूजर आईडी, पासवर्ड और ओटीपी का उपयोग कर भुईया पोर्टल में छेड़छाड़ की थी। रकबे का हेरफेर करने पर पैसों का ऑफर भी दिया था।

मुरमुंदा पटवारी का इस्तेमाल किया यूजर आईडी

थाना नंदनी नगर में इस मामले में अपराध दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि आरोपियों ने मुरमुंदा ग्राम के पटवारी का यूजर आईडी, पासवर्ड और ओटीपी का उपयोग कर भुईया पोर्टल में छेड़छाड़ की थी।

आरोपियों ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में खसरा नंबर 1538/11 और 187/04 के रकबे में फर्जी बढ़ोतरी दर्ज कर दी, जिससे संबंधित भूमि का मूल्य बढ़ाकर बैंक से लोन लेने का रास्ता आसान हो गया।

रकबे का हेरफेर करने पर पैसों का ऑफर

पुलिस जांच में पाया गया कि इस साजिश में गणेश प्रसाद तम्बोली (51 साल) और उसका साथी अमित कुमार मौर्य (37 साल) की सक्रिय भूमिका रही। दोनों ने अपने परिचित अशोक उरांव के कहने पर यह काम किया, जिसने उन्हें जमीन के रकबे में ऑनलाइन हेरफेर करने के बदले पैसों का ऑफर दिया था।

इन दोनों ने मिलकर ग्राम मुरमुंदा के पटवारी का लॉगिन विवरण लिया और उसकी मदद से भुईया पोर्टल में हेरफेर कर डाटा में बदलाव किया। इसी फर्जी रकबे के आधार पर दीनू राम यादव और एस.राम बंजारे समेत अन्य लोगों ने भारतीय स्टेट बैंक, अहिवारा शाखा से करीब 36 लाख रुपए का लोन निकाल लिया।

इस मामले में पहले हो चुकी है एक गिरफ्तारी

इस प्रकरण में पुलिस पहले ही आरोपी नंदकिशोर साहू को गिरफ्तार कर चुकी थी। अब नए गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों से विस्तृत पूछताछ जारी है, जिससे और भी लोगों की संलिप्तता सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

थाना नंदनी नगर के अपराध कमांक 201/2025 धारा 318 (4), 338, 336(3). 340 (2) 3(5) बीएनएस 66 (सी) आई.टी. एक्ट के प्रकरण मे भुईया साफ्टवेयर को हैक कर छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से लोन निकालने के मामले में यह कार्रवाई की गई है।