
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) यशवंत कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि केवल 5 से 6 प्रतिशत मतदाताओं को ही दस्तावेज देने की जरूरत पड़ेगी, जबकि बाकी 90-94 प्रतिशत मतदाताओं का डेटा पहले से उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं का नाम 2003 के SIR में है, उन्हें दोबारा दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। वहीं असुविधा होने पर मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कॉल कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।मतदाता सत्यापन का काम 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा।
CEO ने बताया कि मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता अपनी जानकारी में सुधार या आपत्ति 8 जनवरी 2026 तक दर्ज करा सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।
71 प्रतिशत मतदाताओं को मिलान हो चुका
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) यशवंत कुमार ने बताया कि अब तक 71 प्रतिशत वोटरों का मिलान पूरा हो चुका है। एन्यूमरेशन फेज में यह प्रतिशत 94 से 95 तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि 2003 के बाद कई वोटर स्थानांतरित हुए हैं, विशेषकर विवाहित महिलाएं, जिनका अब अन्य मतदान केंद्रों से मिलान किया जा रहा है।
बीएलओ अब ‘कॉल रिक्वेस्ट’ फीचर के जरिए मतदाताओं की समस्याएं हल करेंगे। सीईओ ने राजनीतिक दलों से भी सहयोग की अपील की है कि वे अपने बूथ स्तरीय एजेंटों (BLA) के माध्यम से आयोग की टीम को मदद दें, ताकि छूटे हुए पात्र नागरिकों को जोड़ा जा सके और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें।