
दरअसल ये घटना जनवरी 2024 की है। डेढ़ साल बाद कोर्ट ने आरोपियों को 5-5 साल की सजा सुनाई है और 10 हजार जुर्माना भी लगाया है।
अब जानिए पूरा मामला
अभियोजना पक्ष के मुताबिक,मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि 30 जनवरी 2024 को कोतवाली उप निरीक्षक दीपिका नर्मलकार को सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन के बाहर दो व्यक्ति पिट्ठू बैग में मादक पदार्थ गांजा लेकर बिक्री करने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे हैं।
जिसके बाद पुलिस की टीम तत्काल रेलवे स्टेशन के पास पहुंची और जांच शुरू की। ऐसे में रेलवे स्टेशन के बाहर महादेव मंदिर के सामने दो व्यक्ति पिट्ठू बैग पकड़े बैठे दिखे। जिन्हें पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ लिया।
उनसे पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपना नाम-पता ओडिसा के ग्राम खोजरोज निवासी गौरांगो राजहंस (30 साल) और ग्राम लोनडोन पोड़ा निवासी रमाकांत सुना (28 साल) बताया। जिसके बाद पुलिस ने दोनों संदेहियों की तलाशी ली।
गांजा जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया
ऐसे में गोरांगो के पास पिट्ठू बैग में 4 पैकेट गांजा व रमाकांत सुना के पास से 1 पैकेट गांजा मिला। जिसे पुलिस ने जब्त करते हुए मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया था।
अर्थदंड से भी दंडित किया गया
प्रकरण विशेष सत्र न्यायाधीश NDPS रायगढ़ की अदालत में पेश होने के बाद न्यायाधीश अश्विनी कुमार चतुर्वेदी ने इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद दोष सही पाया गया।
ऐसे में आरोपियों को मादक पदार्थ रखने के अपराध में 5-5 साल की कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्तगणों को छह-छह माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगताने का प्रावधान रखा गया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक तन्मय बनर्जी ने पैरवी की।