छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में आयुक्त आदिवासी विकास विभाग की तरफ से एक वाटर जग 32,000 रुपए में खरीदे जाने के आरोपों पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए जांच की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, अगर आदिवासी छात्रावास में एक लीटर का जग 32 हजार रुपए का खरीदा गया है, तो ये क्या कोई सोने का जग खरीदा गया है या कोई जादुई जग है। बाजार में ऐसे जग की कीमत 300 से 500 रुपए है। सरकार उसे 32 हजार में खरीद रही है। इस सरकार का भगवान ही मालिक है। वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर विभाग की ओर से खंडन जारी किया गया है।
आश्रम और छात्रावासों की खरीदी की जांच होनी चाहिए
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार की घटनाएं चरम पर हैं, सिर्फ बलौदाबाजार ही नहीं, पूरे प्रदेश के आश्रम और छात्रावासों की हो रही सामानों की खरीदी की जांच होनी चाहिए।
सरकारी खंडन, खरीदी नहीं, प्रस्ताव पहले ही निरस्त कर दिया गया था
इस मामले पर बलौदाबाजार जिले के आदिवासी विकास विभाग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। बलौदाबाजार जिले के सहायक आयुक्त सूरजदास मानिकपुरी ने स्पष्ट किया कि 160 नग वाटर जग की खरीदी का प्रस्ताव जेम पोर्टल के माध्यम से तत्कालीन अधिकारी संजय कुर्रे ने भेजा था।
लेकिन दर अधिक होने के कारण फरवरी 2025 में ही प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया था। विभाग ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सामग्री को भ्रामक और असत्य बताया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कोई खरीदी हुई ही नहीं है।
भाजपा ने भी किया पोस्ट
कांग्रेस के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। अपने सोशल मीडियों पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भाजपा पानी जग की खरीदी पर भ्रामक जानकारी फैलाने वाले कांग्रेसियों तुम्हारे खुद के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा जनता स्वयं जानती है।