
आकांक्षा पूरे मैच के दौरान हनुमान जी की गदा हाथ में लेकर बैठीं। नतीजा यह हुआ कि टीम ने शानदार जीत दर्ज की। आकांक्षा हंसते हुए बोलीं कि, शायद गदा और हनुमान जी की कृपा का ही असर था कि हम जीत गए।
दुर्ग की बेटी, राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची
आकांक्षा सत्यवंशी दुर्ग में जन्मी और रायपुर निवासी हैं, जबकि उनका पैतृक गांव कवर्धा में है। उन्होंने स्कूली शिक्षा और फिजियोथेरेपी में बैचलर की पढ़ाई छत्तीसगढ़ में पूरी की और मास्टर्स डिग्री कटक से हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही खेल और फिजियो साइंस के प्रति उनका रुझान साफ दिखने लगा था।
सिर्फ 6 साल में बनाई राष्ट्रीय पहचान
साल 2019 में आकांक्षा ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट टीम (CSCS) के साथ बतौर फिजियोथेरेपिस्ट करियर की शुरुआत की। मेहनत, समर्पण और प्रोफेशनलिज्म के दम पर उन्होंने बेहद कम वक्त में राष्ट्रीय खेल जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। साल 2022 में वे भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के साथ वर्ल्ड कप अभियान का हिस्सा बनीं। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की फिटनेस, रिकवरी सेशन, मानसिक दृढ़ता और एनर्जी बैलेंस पर खास ध्यान दिया, जिसका नतीजा शानदार प्रदर्शन के रूप में सामने आया।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने आकांक्षा की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियां आज हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने आकांक्षा को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
आकांक्षा ने कहा कि उनकी कोशिश है कि छत्तीसगढ़ के और युवा खेल और फिटनेस के क्षेत्र में आगे बढ़ें, क्योंकि मेहनत और विश्वास से हर मंजिल पाई जा सकती है।