छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे में घायल कॉलेज छात्रा ने इलाज के आठवें दिन दम तोड़ दिया है। इसके साथ ही ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या 12 पहुंच गई है। गंभीर रूप से घायल छात्रा का अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था। छात्रा ट्रेन के महिला कोच में सवार थी। हादसे में उसके दोनों पैर लोहे के एंगल के नीचे दब गए थे, जिससे उसके पैर में मल्टीपल फ्रैक्चर थे। झटका लगने से कॉलर बोन और पसली की 4 हड्डियां भी फ्रैक्चर हुई थीं। घटना के तुरंत बाद उसे एंबुलेंस से सिम्स लाया गया था। डॉक्टरों ने छात्रा की स्थिति को देखते हुए उसे अपोलो रेफर किया था।
दरअसल, जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा की रहने वाली महविश परवीन (19) बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज में बीएससी गणित की छात्रा थी। वह चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए घर गई थी। 4 नवंबर को वह कोरबा-बिलासपुर मेमू ट्रेन से बिलासपुर लौट रही थी, तभी लालखदान के पास मेमू ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई। एक सप्ताह तक जिंदगी और मौत से लड़ी छात्रा
अपोलो अस्पताल में भर्ती महविश एक सप्ताह से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी। डॉक्टर लगातार निगरानी बनाए हुए थे। लेकिन, उसकी स्थिति बिगड़ती जा रही थी। मंगलवार रात उसने दम तोड़ दिया। बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है, जिसके बाद परिजन शव लेकर रवाना हो गए। बचपन में हुई थी ओपन हार्ट सर्जरी, भाई की शादी में गई थी
छात्रा के चाचा मोहम्मद रहमान ने बताया कि बचपन में उसे हार्ट की समस्या थी। रायपुर एस्कॉर्ट अस्पताल में उसकी ओपन हार्ट की सर्जरी हुई थी। नियमित इलाज के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उसे परिजनों ने बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज में दाखिला दिलाया था।
महविश बिलासपुर में ही रहकर पढ़ाई कर रही थी। वह अपने चचेरे भाई की शादी के लिए घर जांजगीर-चांपा गई थी। 2 नवंबर को शादी थी। 3 नवंबर को शादी में शामिल होने के बाद वह 4 नवंबर को बिलासपुर के लिए निकली थी।
मृतक गढ़ेवाल की कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं मिली
इस बीच सोमवार की सुबह एक व्यक्ति पवन गढ़ेवाल को उनके परिचितों ने सिम्स लाया था। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के साथ आए लोगों ने पवन गढ़ेवाल के ट्रेन हादसे में घायल होने की बात कही थी। इसकी पुष्टि के लिए जब तोरवा पुलिस ने जांच की तो उन्हें पवन गढ़ेवाल की कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं मिली।