नई दिल्ली के भारत मंडपम में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार छत्तीसगढ़ राज्य का पवेलियन विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” थीम पर आधारित इस मेले में छत्तीसगढ़ अपने औद्योगिक विकास, निवेश की संभावनाओं, संस्कृति, पर्यटन और कृषि आधारित उद्योगों की ताकत को प्रदर्शित करेगा।
राज्य सरकार की ओर से बनाए गए पवेलियन में छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन योजनाएं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) की संभावनाएं और राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण की झलक दिखाई जाएगी। मेले के दौरान निवेशकों के साथ इन्वेस्टर कनेक्ट सत्र आयोजित किए जाएंगे। जिससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और बढ़ाया जा सके।
पवेलियन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और पर्यटन को भी विशेष रूप से पेश किया जाएगा। यहां राज्य के हस्तशिल्प, वनोपज, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा और बस्तर क्षेत्र के पारंपरिक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। डिजिटल तकनीक से सुसज्जित यह प्रदर्शनी आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कलाओं और आधुनिक औद्योगिक प्रगति का मिश्रित अनुभव कराएगी।
24 नवंबर को होगा आयोजन
24 नवंबर को “छत्तीसगढ़ दिवस” का आयोजन भारत मंडपम में किया जाएगा। इसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित रहेंगे। इस दिन सांस्कृतिक विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, संगीत और नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति दी जाएगी।
मिलेट कैफे रहेगा आकर्षण का केंद्र
पवेलियन में मिलेट कैफे भी आकर्षण का केंद्र रहेगा, जहां कोदो, कुटकी, रागी और संवा जैसे लघु धान्यों से बने खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी। इससे राज्य के मिलेट मिशन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
साथ ही, लघु वनोपज संघ के उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री भी होगी, जिनकी मार्केटिंग एफएमसीजी कंपनियों के माध्यम से देश-विदेश में करने की योजना है। पवेलियन में छत्तीसगढ़ के ईको-टूरिज्म स्थलों, अधोसंरचना और निवेश के अवसरों की जानकारी भी दी जाएगी।
यह आयोजन न केवल छत्तीसगढ़ की औद्योगिक प्रगति का प्रतीक बनेगा बल्कि “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” की अवधारणा को वैश्विक मंच पर साकार रूप देगा।