शौच करते वक्त बच्चे का जन्म…कमोड में फंसा नवजात

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के MCH वार्ड के टॉयलेट में एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चा कमोड में फंस गया। करीब 1 घंटे बाद टॉयलेट को तोड़कर बच्चे को बाहर निकाला गया। बच्चा जिंदा है, लेकिन मासूम डॉक्टर्स की निगरानी में वेंटिलेटर पर है।

जानकारी के मुताबिक, महिला शौचालय गई थी। कमोड पर बैठते ही उसके पेट में दर्द हुआ और बच्चा उसके गर्भ से बाहर गिर गया। वह शौचालय के कमोड पर ही अटका रहा। जब महिला ने शोर मचाना शुरू किया, तो लोगों को पता चला और बच्चे को बचाया गया।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, सूरजपुर जिले के प्रतापपुर की रहने वाली रामपति बाई करीब 7 महीने की प्रेग्नेंट थीं। 13 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर महिला को परिजनों ने प्रतापपुर सीएचसी में भर्ती कराया। महिला की हालत गंभीर होने पर उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर कर दिया गया।

महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच अस्पताल के AMC-2 वार्ड में भर्ती किया गया था। शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे प्रसूता टॉयलेट गई थी। इसी दौरान टॉयलेट में ही प्रसव हो गया। इसके बाद महिला ने शोर मचाना शुरू किया।

वहीं शोर सुनने के बाद वार्ड के नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर मौके पर पहुंचे। इस दौरान पता चला कि महिला की डिलीवरी हो गई है। महिला से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह टॉयलेट करने गई थी। इसके बाद पता चला कि बच्चा कमोड में फंसा हुआ है।

टॉयलेट में महिला की डिलीवरी की जानकारी मिलते ही सफाई सुपरवाइजर आशीष साहू अपने सफाईकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। टॉयलेट सीट को तोड़कर करीब 1 घंटे बाद बच्चे को बाहर निकाला। बच्चा एक घंटे तक कमोड में फंसा रहा, लेकिन बच्चे की सांस चल रही थी।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर्स के मुताबिक बच्चे को SNCU में वेंटिलेटर पर रखा गया है। रामपति बाई का यह दूसरा बच्चा है। बच्चा सिर्फ 7 महीने का है और प्री-मैच्योर है। डॉक्टर्स के मुताबिक कभी-कभी बैठने या पेट में दबाव पड़ने से बच्चा बाहर आ जाता है।

बच्चे की स्थिति गंभीर, डॉक्टर कर रहे निगरानी

हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी ने बताया कि बच्चा प्री-मैच्योर है। प्रसूता खतरे से बाहर है, लेकिन बच्चे की हालत गंभीर है। बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टर उसकी पूरी निगरानी कर रहे हैं।