बलरामपुर जिले में पुलिस ने साढ़े 4 किलोमीटर दूर पीछा कर अवैध धान की गाड़ी रुकवाई

Chhattisgarh Crimesबलरामपुर जिले में पुलिस ने साढ़े 4 किलोमीटर दूर पीछा कर अवैध धान की गाड़ी रुकवाई। इसका वीडियो भी सामने आया है। बताया जा रहा है, जिले में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हुई है, इस दौरान उत्तरप्रदेश से 2 पिकअप गाड़ी में कुछ लोग अवैध धान लेकर पहुंचे थे। जिसे पुलिस ने पकड़ा है। सूचना के बाद 15 नवंबर की तड़के सुबह साढ़े 3 बजे पुलिस की टीम पीछा करते हुए 2 पिकअप वाहनों को रोकी और तलाशी ली। जांच में दोनों वाहनों से लगभग 200 बोरी अवैध धान बरामद हुआ। वाहन चालकों के पास वैध दस्तावेज नहीं थे। जिसके बाद दोनों गाड़ियों को जब्त कर थाने में सुपुर्द कर दिया गया है। जिले में 2 दिनों में 410 बोरी अवैध धान पकड़ाया है। अवैध धान के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त

 

खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी प्रक्रिया शुरू होते ही कलेक्टर ने निगरानी दलों और राजस्व अमले को सख्त निर्देश दिए थे कि केवल वास्तविक कृषकों से ही धान खरीदा जाए और बाहरी राज्यों से अवैध आवक पर त्वरित कार्रवाई हो।

 

इसी क्रम में, रामानुजगंज में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) आनंद राम नेताम के नेतृत्व में राजस्व, खाद्य एवं मंडी विभाग की टीम ने कार्रवाई की।

 

2 दिन पहले पकड़ाया था तीन पिकअप

 

वहीं, वाड्रफनगर में भी एसडीएम नीर निधि नंदेहा की टीम ने 13 नवंबर की रात कार्रवाई की। तहसील रघुनाथनगर के ग्राम चरचरी में तीन पिकअप वाहनों को रोककर जांच की गई।

 

रात 1:30 बजे पकड़े गए इन वाहनों से 210 बोरी अवैध धान जब्त किया गया। पूछताछ के दौरान चालक अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। प

 

कड़े गए वाहनों (यूपी 64 टी 9238, यूपी 64 टी 3588 तथा यूपी 64 बीटी 2116) के चालक और स्वामी पर रघुनाथनगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। उत्तरप्रदेश से धान खपाने पहुंच रहे

 

प्रशासनिक जांच में खुलासा हुआ कि यह धान उत्तरप्रदेश से लाकर छत्तीसगढ़ के वास्तविक कृषकों के खाते से बेचने का पूर्वनियोजित षड्यंत्र था। इसका उद्देश्य शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाना था।

 

यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 318 (छल), छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7 व 10(क) के तहत दंडनीय है।

 

अधिकारियों ने बताया कि अवैध धान परिवहन रोकने के लिए टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और भविष्य में भी ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

 

नागरिकों से अपील की गई है कि वे धान खरीदी में किसी भी अनियमितता या अवैध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। शिकायतकर्ता की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।