
जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने खुद को महिला एसआई बताकर पीड़ितों को धमकाया और कैश, मोबाइल, लैपटॉप समेत करीब डेढ़ लाख रुपए का सामान छीन लिया। शिकायत के बाद पुलिस ने पूजा सहित उसके पांच मददगारों अरेस्ट किया है। जबकि दो आरोपी अब भी फरार हैं।
मुजगहन पुलिस ने की कार्रवाई
दरअसल, 14 नवंबर को अमलीडीह की युवती अपनी सहेली के साथ भाई को दवाई देने कमल विहार गई थी। वापस लौटते समय लिफ्ट में उनकी मुलाकात पूजा सचदेवा और उसके साथियों से हुई। सभी नशे की हालत में थे। बातचीत के दौरान पूजा ने खुद को महिला पुलिस अधिकारी बताते हुए छात्रा पर ‘गलत गतिविधियों’ में शामिल होने का झूठा आरोप जड़ दिया।
डरी-सहमी छात्रा को पूजा जबरन उसके भाई के कमरे तक ले गई। कमरे में युवक के साथ उसके तीन दोस्त भी थे। आरोपियों ने दरवाजा बंद कर सभी को कमरे में कैद किया। इसके बाद जमकर मारपीट, धमकियां और गाली-गलौज की गई। गैंग ने कैश छीनने के बाद भी पैसे की मांग करते हुए अश्लील हरकतें की।
5 आरोपी गिरफ्तार, दो पर लगी तलाश
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी भाग निकले। जिसके बाद पीड़ित थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज की और दबिश देकर देकर पूजा सहित गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जबकि उसका भाई मोनू और साथी करण साहू फरार चल रहे हैं। सभी पर डकैती, मारपीट, छेड़छाड़ और धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
अब पढ़ें कौन है पूजा सचदेवा ?
पूजा सचदेवा को पुलिस रिकॉर्ड्स में ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है। 2005 में कोतवाली थाने में पूजा के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। उस पर अलग-अलग थानों में हत्या, मारपीट, बलवा, सट्टेबाजी और गांजा तस्करी जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं।
वह अब तक 18 बार जेल जा चुकी है। 2017 में हुए चर्चित संतोष दुबे हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। 2015 में कोतवाली पुलिस ने उसे निगरानी सूची में शामिल किया था। पुलिस ने कमल विहार इलाके में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पूजा की बहन मोनिका सचदेवा भी है ‘लेडी डॉन’
पूजा सचदेवा की बहन मोनिका सचदेवा को भी पुलिस ‘लेडी डॉन’ के नाम से जानती है। उसके खिलाफ 2006 में कोतवाली थाने में पहला केस दर्ज हुआ था। 2017 में संतोष दुबे हत्याकांड में गिरफ्तार हुई थी। गांजा और शराब तस्करी, सट्टेबाजी तथा मारपीट के 15 मामलों में जेल जा चुकी है।