बलरामपुर जिले के ग्राम मुरकौल में बुखार पीड़ित महिला का झोलाछाप डॉक्टर मलेरिया एवं टाईफाइड का इलाज करता रहा। जब महिला को हालत बिगड़ने पर अंबिकापुर मिशन हॉस्पिटल लाया गया तो उसे डेंगू होने की जानकारी मिली। दवाओं के ओवरडोज से महिला को मल्टीपल कांप्लेक्स की स्थिति बन गई और इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। मामला वाड्रफनगर ब्लॉक का है।
जानकारी के मुताबिक, वाड्रफनगर के ग्राम मुरकौल की निवासी मालती मराबी (34 वर्ष) को कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। 25 अक्टूबर को उसके पति आदित्य मराबी ने गांव में अवैध रुप से क्लिनिक संचालित करने वाले श्री सांई बाबा मेडिकल स्टोर के संचालक मुकेश साहू से जांच कराई। मेडिकल स्टोर संचालक ने उसे दवाएं दे दीं। दवाओं से दो दिन तक महिला ठीक रही, फिर से उसे बुखार आने लगा।
किट से की मलेरिया व टाइफाइड की जांच आदित्य मराबी ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक ने किट से मलेरिया एवं टाईफाइड की जांच की। हालांकि दोनों के रिजल्ट नेगेटिव आए, लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें यह नहीं बताया कि उसे इलाज के लिए लेकर जाएं। उसने महिला को ठीक करने का आश्वासन दिया। मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा बुखार, दर्द का इंजेक्शन एवं दवाएं दी।
3 नवंबर को महिला की हालत ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने उसे मिशन हॉस्पिटल अंबिकापुर में दाखिल कराया। यहां जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि महिला डेंगू से पीड़ित है और उसे लाने में देर हो चुकी है। दवाओं के ओवरडोज के कारण उसके लंग्स एवं लिवर डैमेज हो गए थे। महिला का ICU में इलाज किया गया, जहां दो दिनों बाद उसकी मौत हो गई।
महिला की मौत के बाद परिजनों ने गांव में उसका अंतिम संस्कार किया। महिला के दो बच्चे हैं। अब परिजनों ने मेडिकल स्टोर संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
नहीं मिली है शिकायत, कराएंगे जांच-BMO वाड्रफनगर बीएमओ डा. हेमंत दीक्षित ने बताया कि मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी और उचित कार्रवाई होगी।