लाखागढ के उद्योग पति का अवैध कब्जा

Chhattisgarh Crimes Chhattisgarh Crimes Chhattisgarh Crimesपिथौरा
महासमुन्द
शिखा दास
छग क्राईम्स

 

नगर से लगे लखागढ तालाब में बेख़ौफ़ अवैध कब्जा हो रहा है।

इसकी परवाह न पंचायत को है और न ही राजस्व विभाग को है
लिहाजा अब एक उद्योगपति ने अपने पूर्व के अवैध कब्जे के साथ एक एक और दुकान का निर्माण अवैध तरीके से कर लिया

अब तालाब के दूसरी ओर भी अवैध कब्जों की बाढ़ आ गयी है।

 

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम लाखागढ़ के ग्रामीण अपने इकलौते निस्तार तालाब को बचाने लगातार शिकायते कर रहे है।

परन्तु इन शिकायतों पर अब प्रशासन जांच के आदेश तो देता है परन्तु यह जांच पटवारी तक ही सिमट जाती है।जिस पर ग्रामीणों का सन्देह गहरा गया है।

बताया गया है कि लाखागढ़ तालाब के मुख्यमार्ग की ओर तालाब की जमीन पर एक उद्योगपति ने पहले अपने ट्रैक्टर ट्राली बनाने का उद्योग प्रारम्भ किया था

।अब उनके द्वारा बनाई गई आठ दुकानों में एक को अपना ऑफिस बना कर शेष को किराए पर दिया गया है।

जिससे सरकारी तालाब की भूमि पर प्रति वर्ष लाखो रुपये किराया वसूल कर तालाब को समाप्त करने की योजना पर अमल किया जा रहा है।

ज्ञात हो कि कोई दो वर्ष पूर्व तात्कालिक तहसीलदार नितिन ठाकुर द्वारा ग्रामीणों की शिकायत के बाद उद्योगपति के उक्त अवैध निर्माण को गिरवाया गया था परन्तु उनके स्थानांतरण के बाद पुनः उसी स्थान पर अवैध कब्जा कर दुकाने बना दी गयी अब ये दुकाने उक्त उद्योगपति की लाखों रुपये प्रतिवर्ष आय का जरिया बन गया है

।बहरहाल उद्योगपति के अवैध कब्जे की आड़ में अब तालाब के अन्य किनारों पर भी अवैध मकान बनने लगे है।यदि प्रशासन ने अभी अवैध कब्जे नही हटाये तो भविष्य में ये प्रशासन के लिए सरदर्द साबित हो सकते है।

 

दूसरी ओर लाखागढ़ की युवा समिति उक्त उद्योगपति द्वारा एकत्र की गई अकूत संपत्ति की जांच के लिए ईडी एवम आई टी को पत्र लिख शिकायत कर चुके है।