
मामला भोरमदेव अभ्यारण्य के चिल्फी परिक्षेत्र का है। शिकार की जानकारी मिलते ही विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची। जहां जंगल से सबूत जुटाए गए फिर कार्रवाई करते हुए 5 शिकारियों को पकड़ लिया।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत कार्रवाई
संरक्षित कक्ष क्रमांक पी.एफ.-333 बहनाखोदरा में इंडियन बायसन/गौर (अनुसूची-I) के दो नग के अवैध शिकार का गंभीर मामला सामने आया है।
मामले में वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 तथा लोक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की संबंधित धाराओं के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 20771/12 दिनांक 18.11.2025 को पंजीबद्ध किया है।
घटना के बाद वन अमले ने तत्काल सर्च अभियान चलाकर साक्ष्य जुटाए और 19 नवंबर को अन्तू बैगा, सखुराम बैगा, सोनेलाल बैगा, कमलेश यादव और इन्दर बैगा को को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर 14 दिन के न्यायिक रिमांड के लिए आवेदन भी दिया गया है, ताकि विस्तृत विवेचना की जा सके।
डॉग स्क्वॉड टीम ने की जांच
प्रकरण की गहन जांच के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व लोरमी से विशेष डॉग स्क्वॉड टीम को बुलाया गया। टीम ने घटनास्थल पर सघन जांच करते हुए महत्वपूर्ण सुराग और साक्ष्य जुटाए। पुलिस अमले के सहयोग से कार्रवाई को और प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया गया।
संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील
वनमण्डलाधिकारी निखिल अग्रवाल के निर्देशन और अधीक्षक के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई संपन्न हुई। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि गंभीर वन्यजीव अपराधों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
अभ्यारण्य क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निगरानी और मजबूत की जा रही है। विभाग ने आमजन से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना निकटतम वन अमले को तुरंत दें।