जिला प्रशासन ने सालों पहले जलप्रपात के किनारे रेलिंग लगाई थी। जो कि टूट चुकी है। जिससे खतरा बना रहता है। नीचे झरने के पास जाने के कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। लोग यहां नहाने के दौरान गहरे पानी मे डूब जाते हैं। जिससे उनकी मौत हो जाती है।
यहां अब तक कई मौतें हो चुकी हैं। इसके बावजूद लोग जलप्रपात के पास जाते हैं।सुरक्षा की दृष्टि से यहां पुलिस सहायता केंद्र बना हुआ है। लेकिन जिले में पुलिस बल की कमी के कारण पुलिस सहायता केंद्र में ताला लटका रहता है।
कोटवार सहित 6 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है
मामले में नागपुर हाईवे चौकी प्रभारी शेष नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस बल की कमी है। इसके बाद भी हम अमृतधारा जलप्रपात का पेट्रोलिंग करते हैं। लोगों को झरने के पास और नीचे न जाने की समझाइश देते हैं। बरसात को देखते हुए यहां ग्राम पंचायत सचिव, गांव के कोटवार सहित 6 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। भारी बरसात को देखते यहां बेरिकेडिंग की जा रही है। ताकि लोग झरने के पास न जाएं।
सुरक्षा का कोई उपाय नहीं
मध्य प्रदेश से आए टूरिस्ट रोहित ने बताया कि यहां का नजारा बहुत सुंदर है। लेकिन सुरक्षा का कोई उपाय नहीं है। प्रशासन को चारों ओर रेलिंग कराना चाहिए। ताकि लोग सुरक्षित होकर झरने का नजारा देख सकें।