
विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि आंदोलनरत जमीन कारोबारी, किसान और आम नागरिकों पर लाठीचार्ज भाजपा सरकार की दमनकारी और तानाशाही मानसिकता को दिखाती है। उन्होंने जमीन कारोबारियों की मांगों को जायज बताया है।
विधायक का कहना है कि भाजपा सरकार ने रजिस्ट्री दरों वृद्धि कर प्रदेश के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का अपना मकान बनाने का सपना तोड़ दिया है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर लाठीचार्ज, कांग्रेस ने बताया सत्ता का दुरुपयोग
दुर्ग शहर अध्यक्ष धीरज बाकलीवाल ने बताया कि जमीन कारोबारियों की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था। बढ़ी हुई गाइडलाइन दरों को वापस लेने की मांग को लेकर उनकी भूख हड़ताल भी जारी थी।
लेकिन पांच दिनों में न तो सरकार का कोई मंत्री या विधायक उनसे मिलने पहुंचा और न ही किसी भाजपा नेता ने उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। इसी उपेक्षा और असंवेदनशीलता के बीच मंगलवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। जिसे उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग बताया।
गरीब परिवारों को भी होगा नुकसान
दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी का सीधा नुकसान उन परिवारों को होगा, जो सालों की जमा‐पूंजी से छोटा प्लॉट लेकर घर बनाने का सपना देखते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उरला क्षेत्र में पहले 300-400 रुपए प्रति वर्गफीट वाली जमीन का रजिस्ट्री खर्च 30-40 हजार रुपए तक आता था। लेकिन, अब गाइडलाइन दर 2200 रुपए प्रति वर्गफीट होने से उसी जमीन की रजिस्ट्री फीस 2 से 2.5 लाख रुपए तक पहुंच गई है। ऐसे में 3 लाख का प्लॉट खरीदने वाले को 2 लाख रुपए सिर्फ रजिस्ट्री में देने होंगे। यह बोझ किसी भी आम नागरिक की क्षमता से बाहर है।