जिले में लंबित वनाधिकार पट्टों के निराकरण हेतु जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन सभी ब्लॉकों में विशेष पुनरीक्षण अभियान की मांग

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पूरन मेश्राम/मैनपुर। गरियाबंद जिले के हजारों आदिवासी–मूलनिवासी परिवारों के वनाधिकार पट्टा अब तक लंबित रहने एवं पात्र हितग्राहियों को लगातार अपात्र घोषित किए जाने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कलेक्टर गरियाबंद (DLC अध्यक्ष) को विस्तृत ज्ञापन सौंपा।

संजय नेताम ने कहा कि वर्षों से ग्रामीण लगातार आवेदन शिविर, सुशासन तिहार और SDLC/DLC बैठकों के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत कर रहे हैं। इसके बावजूद आज भी बड़ी संख्या में परिवारों को वनाधिकार पट्टा नहीं मिल पाया है।उन्होंने बताया कि कई हितग्राही वास्तविक कब्जे में होते हुए भी “साक्ष्य के अभाव” बताकर अपात्र कर दिए गए जबकि ग्राम सभा एवं वनाधिकार समिति ने उन्हें पात्र घोषित कर विधिवत प्रस्ताव भेजा था, वहीं उन्हीं खसरा नंबरों पर कुछ अन्य लोगों को पट्टा जारी भी कर दिया गया, जिससे पूरे प्रकरण में पारदर्शिता और फील्ड सत्यापन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इसी को देखते हुए नेताम ने कलेक्टर से मांग की है कि जिले में विशेष “वनाधिकार पट्टा पुनरीक्षण अभियान” चलाया जाए।

पाँचों विकासखंडों में टीम बनाकर प्रत्येक गांव में स्थल निरीक्षण कराया जाए।

ग्राम सभा, वनाधिकार समिति एवं हितग्राहियों की उपस्थिति में मौके पर सत्यापन हो। वास्तविक कब्जाधारी सभी पात्र परिवारों को तुरंत पट्टा जारी किया जाए।उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भूमि का प्रश्न नहीं बल्कि आदिवासी

मूलनिवासी समुदाय के अधिकार, आजीविका और सम्मान से जुड़ा मामला है।

ग्राम सभा सर्वोच्च है, और जब ग्राम सभा पात्रता दे रही है, तो विभाग द्वारा लोगों को अपात्र ठहराना सीधे–सीधे कानून की भावना के विपरीत है।संजय नेताम ने यह भी कहा कि यदि शीघ्र उचित कार्यवाही नहीं होती है, तो इसके लिए व्यापक जन–आंदोलन की पहल की जाएगी, क्योंकि यह लोगों का वैधानिक अधिकार है कोई उपकार नहीं।