जानकारी के मुताबिक, 12 जुलाई को गौरक्षा के नाम पर कुछ लोगों ने आनंद चंद्रवंशी के साथ मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में सिटी कोतवाली थाने में पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर पुलिस ने धारा धारा 115(2), 191(2), 191(3), 296, 331(6), 351(3) तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
17 जुलाई को पुलिस ने सागर साहू और पूरन पाली अरेस्ट किया। पूछताछ में दोनों अन्य साथियों के साथ क्राइम करना कबूल किया। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
सामाजिक दबाव में आकर झूठी रिपोर्ट का आरोप
जिसके विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ता 19 जुलाई से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने सामाजिक दबाव में आकर झूठी रिपोर्ट दर्ज की है। जिसे वापस लेने की मांग की गई है। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर बजरंग दल ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का आरोप लगाया है। जिसकी जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल हाईवे- 30 पर कांग्रेस की आर्थिक नाकेबंदी
कांग्रेस की आर्थिक नाकेबंदी प्रदर्शन में जिले के कांग्रेस पदाधिकारी, एनएसयूआई के पदाधिकारी, महिला कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए चैतन्य बघेल को तत्काल रिहा करने की मांग की।
कांग्रेस का आरोप है कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। भाजपा सरकार विपक्ष का दबाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही चैतन्य बघेल को रिहा नहीं किया गया, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।