बस्तर जिले के अंदरूनी गांव की तस्वीर और तकदीर अब बदलने लगी

Chhattisgarh Crimesबस्तर जिले के अंदरूनी गांव की तस्वीर और तकदीर अब बदलने लगी है। बस्तर के धुड़मारास गांव ने कयाकिंग, बैंबू राफ्टिंग और होम स्टे ईको टूरिज्म से अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने में सफलता पाई। अब तिरिया गांव को आरआरई (राइट्स एंड रिसोर्सेज इनिशिएटिव) की ओर से सम्मानित किया गया है।

इसके चलते अब उम्मीद की जा रही है आने वाले दिनों में इस गांव का विकास बड़े पैमाने पर होगा। गांव को सम्मान दिलाने में गांव के लोगों की भूमिका सबसे अहम रही है।

एक ओर जहां ग्राम सभा के सदस्यों ने 3057 हेक्टेयर में फैले जंगल का संवर्धन और संरक्षण करने में सफलता पाई तो वहीं दूसरी ओर गांव में अब बैंबू राफ्टिंग का नवाचार कर ग्रामीण अपनी आय बढ़ाने के साथ ही अब इसे स्वरोजगार के रूप में बड़े पैमाने पर कर रहे हैं।2025 में तिरिया गांव का चयन अंडर टॉप 15 ऑनरेबल मेंशन में किया गया है।

3057 हेक्टेयर में फैले जंगल का संरक्षण करने में ग्रामीणों ने सफलता पाई।