छत्तीसगढ़ में बीएड और डीएलएड दोनों की एंट्रेस एग्जाम के रिजल्ट व्यापम ने जारी कर दिए

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में बीएड और डीएलएड दोनों की एंट्रेस एग्जाम के रिजल्ट व्यापम ने जारी कर दिए हैं। बीएड प्रवेश परीक्षा के परिणाम 10 जुलाई को और डीएलएड प्रवेश परीक्षा के परिणाम 11 जुलाई को आ गए थे। लेकिन अब तक कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की डेट एनाउंस नहीं की गई है।

सामान्यतः प्रवेश परीक्षा के नतीजे आने के कुछ दिनों पश्चात ही काउंसिलिंग शेड्यूल जारी कर दिया जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका है। ऐसे में इन दोनों कोर्सेज में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों को इस बार और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

एजेंसी तय करने में एक महीने का वक्त और लग सकता है

दरअसल, काउंसलिंग कराने के लिए अब तक एजेंसी का निर्धारण नहीं हो पाया है। लास्ट टाइम चिप्स ने काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी की थी। एजेंसी का एग्रीमेंट खत्म होने के बाद रिन्यू नहीं किया गया। अब काउंसिलिंग करने से पहले एजेंसी निर्धारण करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

ये सारी प्रक्रिया पूरी करने में एक महीने का वक्त और लग सकता है। ऐसे में अगस्त के आखिरी के दिनों में काउंसलिंग प्रोसेस आगे बढ़ पाएगा। बता दें कि पंजीयन से लेकर मेरिट लिस्ट जारी किए जाने से संबंधित सारे कार्य एजेंसी ही करती है।

सिर्फ बीएड और डीएलएड ही दो ऐसे कोर्स जो SCERT के जिम्मे

महाविद्यालयों में संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों में केवल बीएड और डीएलएड ही ऐसे कोर्स हैं, जिनकी काउंसिलिंग उच्च शिक्षा विभाग नहीं करता। बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी SCERT करता है।

इसके पाठ्यक्रम निर्धारण सहित अन्य चीजों के निर्धारण का काम भी SCERT के अधीन हैं। इसे उच्च शिक्षा विभाग के अधीन करने सत्र 2024-25 में कमेटी बनाई गई थी। प्राचार्यों और शिक्षाविदों को बीएड-डीएलएड पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा विभाग के अधीन किए जाने के संदर्भ में अपनी रिपोर्ट भी देनी थी।

लेकिन कमेटी के रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भी उच्च शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम सौंपे जाने संबंधित प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी। यही कारण है इस साल उच्च शिक्षा विभाग काउंसिलिंग नहीं कर रहा है।

प्रदेश के चार कॉलेजों की मान्यता हो चुकी है रद्द

प्रदेश में पिछली बार बी.एड. की 14,400 सीटें थी। वहीं डीएलएड 6,720 सीटें थी। लेकिन इस बार ये सीटें कम हो सकती हैं। दरअसल, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन( NCTE) ने अपनी 423वीं बैठक में प्रदेश के चार बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी।

इनमें श्री कृष्णा कॉलेज, जांजगीर-चापा, कांति दर्शन महाविद्यालय, राजनांदगांव, श्रीराम शिक्षा महाविद्यालय, राजनांदगांव, श्री शिरडी साईं शिक्षण, अंबिकापुर शामिल हैं। हालांकि NCTE ने देशभर में 380 कॉलेजों की मान्यता रद्द की थी।

250 सीटें इस बार हो जाएंगी कम

इस फैसले से प्रदेश में बीएड-डीएलएड की सीटें कम हो गई हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली बार बीएड के 150 कॉलेज के लगभग 14,400 सीटों पर एडमिशन हुआ था।। वहीं डीएलएड के 91 कॉलेजों में 6,720 सीटों पर एडमिशन हुए थे। जिन चार महाविद्यालयों की मान्यता रद्द की गई है, वहां बीएड, डीएलएड और बीएससी बीएड कोर्स उपलब्ध थे।

मान्यता रद्द होने के बाद से कुल 250 सीटें कम हो जाएंगी। इनमें बीएड की 100, डीएलएड की 100 और बीएससी बीएड की 50 सीटें हैं।

NCTE को कॉलेजों ने नहीं भेजी थी रिपोर्ट, इसलिए रद्द हुई मान्यता

NCTE से मान्यता प्राप्त कॉलेजों को नियमित रूप से अपनी वार्षिक रिपोर्ट NCTE को भेजनी होती है। लेकिन इन कॉलेजों की तरफ से लापरवाही देखने को मिली। कॉलेजों ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट नहीं भेजी। NCTE के नोटिस को भी इग्नोर किया, जिसके बाद NCTE को यह निर्णय लेना पड़ा।

इस बार कितनी सीटों में एडमिशन इसकी जानकारी नहीं

पिछली बार आधा दर्जन से ज्यादा कॉलेजों में एडमिशन ही नहीं हुआ था। जिसके चलते 600 से अधिक सीटें खाली रह गईं थी। इस बीच SCERT ने इस बार अब तक ये जानकारी नहीं दी है कि राज्य के कितने कॉलेजों की कितनी सीट्स पर प्रवेश दिए जाएंगे।

डीएलएड में एडमिशन की होड़, बीएड से ज्यादा आवेदन

वहीं, पिछली बार की तरह इस बार भी डीएलएड में एडमिशन के लिए तगड़ा कॉम्पिटिशन देखने को मिल सकता है। डीएलएड में एडमिशन के लिए दो लाख से अधिक लोग पेपर में शामिल हुए। जबकि बीएड के लिए सिर्फ 1 लाख 90 हजार आवेदन ही आए थे। डीएलएड में सीटें भी बीएड की तुलना भी बहुत कम है।