बलौदाबाजार के ग्राम सकलोर के स्कूली बच्चों ने कलेक्टर कार्यालय में अपनी समस्या रखी। बच्चों को रोजाना हिसरी स्थित विद्यालय तक जाने के लिए 3 किलोमीटर लंबे कच्चे और जर्जर मार्ग से गुजरना पड़ता है।
विद्यार्थियों ने बताया कि बारिश के मौसम में रास्ता कीचड़ से भर जाता है। इससे चलना मुश्किल हो जाता है और वे फिसलकर गिर जाते हैं। गर्मी में धूल से सांस लेना भी मुश्किल होता है। करीब 50 छात्र-छात्राएं रोजाना इस मार्ग से स्कूल जाते हैं।
ग्रामीणों ने हिरमी अल्ट्रा ट्रैक सीमेंट प्लांट पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पड़ोसी गांव परसवानी के बच्चों को प्लांट की ओर से नि:शुल्क बस सुविधा मिलती है। लेकिन सकलोर के बच्चों को यह सुविधा नहीं दी जा रही है। दोनों गांव प्लांट से प्रभावित हैं।
ओवरलोड गाड़ियों के आवागमन से सड़क पर बने गड्ढे
सड़क की स्थिति सीमेंट प्लांट के भारी वाहनों की वजह से और खराब हो रही है। सैकड़ों ओवरलोड गाड़ियों के आवागमन से सड़क पर गहरे गड्ढे बन गए हैं। मार्ग पूरी तरह डैमेज हो चुका है।
कलेक्टर ने बच्चों और ग्रामीणों की मांगों को सुना। उन्होंने सड़क मरम्मत और बस सुविधा के लिए संबंधित विभाग को निर्देश देने का आश्वासन दिया है।
जनपद सदस्य ने की सड़क निर्माण
जनपद सदस्य उमा अनंत सिमगा ने कहा कि सकलोर से हिरमी तक के लगभग 3 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को तुरंत निर्माण कराया जाए, ताकि बच्चों और ग्रामीणों का सुरक्षित आवागमन हो सके। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए निःशुल्क बस सेवा दी जाए। इसके लिए हिरमी सीमेंट प्लांट अपनी सीएसआर मद से प्रारंभ करे और परसवानी की तर्ज पर ही सकलोर के स्कूली बच्चों के लिए भी निःशुल्क बस सेवा शुरू करे।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचे बच्चों ने कहा, हम पढ़ना चाहते हैं, लेकिन इस रास्ते से डर लगता है। हमारा भविष्य डूब रहा है। उन्होंने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की गुहार लगाई। अधिकारियों ने बच्चियों की बात सुनी और मामले पर कलेक्टर ने तत्काल ध्यान देने का आश्वासन दिया है।